रैली के रूप में शंखनाद: पट्टे की मांग को लेकर हजारों नागरिक सडक़ों पर उतरे

5000 आवेदन नायब तहसीलदार को सौंपे

नागदा, अग्निपथ। शहर में लगभग 10 हजार ऐसे परिवार है जिनके पास अपने आशियाने के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं है। सन् 2000 में सैकड़ो लोगो को पट्टे दिये गये थे लेकिन अभी तक उन्हें कोई स्थान उपलब्ध नहीं कराया गया था और आज हजारो आवेदनकर्ता हमारे साथ अपने आवास का मालिकाना हक पाने के लिये सडक़ो पर है। सरकार व अधिकारियों का षडय़ंत्र है कि वे पट्टे की समस्या को गंभीरता से ना लेते हुए 10 हजार परिवारो का नागदा से पलायन करवाना चाहता है।

उक्त आरोप लगाते हुए पट्टा देने की मांग को लेकर रविवार को सडक़ो पर उतरे हजारों लोगो को संबोधित करते हुए नेतृत्वकर्ता बसंत मालपानी ने कहा कि पट्टा देने की जब-जब मांग होती है तब-तब प्रशासन और जनप्रतिनिधि बहाना बनाते है कि उक्त जमीन रेल्वे की है, ग्रेसिम की है आदि-आदि। लेकिन यह कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र का मामला है कि अगर उक्त रहवासी क्षेत्र की जमीन रेल्वे व अन्य की है तो उक्त रहवासी जमीन का गेर रहवासी जमीन से विनिमय कर पट्टे दिये जा सकते है।

वहीं जो शासकीय जमीन राज्य शासन के अधीन है और वहां पर 50 से 70 सालो से लोग बसे हुए है उन्हें शीघ्र पट्टे दिये जा सकते है। लेकिन श्रेय की राजनीति के चलते नेताओं के दबाव में अधिकारी पट्टा देने की कार्यवाही नहीं कर रहे। श्री मालपानी ने कहा कि सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी आंदोलन की गंभीरता को समझे अन्यथा परिणाम के लिये तैयार रहे। एक माह में कार्यवाही नहीं होने पर इससे भी बड़ा आंदोलन किया जायेगा।

12 फरवरी को नागदा मण्डी व बिरलाग्राम क्षेत्र के हजारो लोग कृष्णा जिनिंग फेक्ट्री में एकत्रित हुए और वहां से शहर के प्रमुख मार्गो से रैली निकालते हुए मण्डी थाना प्रांगण पहुंचे जहां पर महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन व 5000 आवेदनकर्ताओं के आवेदन नायाब तहसीलदार नवीन छलोत्रे को सौपा। जिसमें मांग की गई कि शहर के लगभग 10 हजार परिवारों के पास अपने मकानो के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं है। इसीलिये इन्हें शीघ्र ही मालिकाना हक के पट्टे दिये जाए कारण आएदिन इन्हें रेल्वे विभाग, ग्रेसिम उद्योग व अन्य विभागो द्वारा नोटिस देकर परेशान किया जाता है। जिससे इनका आर्थिक व मानसिक नुकसान होता है।

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार सन् 2014 के पूर्व रह रहे नागरिको को उसी स्थान का पट्टा दिया जाए और कुछ वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा नागदा के एक क्षेत्र में पट्टे दिये भी गये है तो 10 हजार लोगो के साथ पक्षपात क्यों ?
ज्ञापन में मांग की गई कि शीघ्र पट्टा देकर नागदा से हजारो परिवार के पलायन को रोका जाए। अंत में आभार प्रदर्शन दिलीप फतरोड ने किया। इस मौके पर अशोक परांजपे, जुम्मन खां, जितेन्द्र बंजारा, अनिता विश्वकर्मा, प्रेम जाटवा, आनंद दोहरा, वासु बुआजी, राजु चावडा, संतोष व्यास, कान्हा प्रजापत, देवेन्द्र पाण्डे, राजेन्द्र झाला,  कय्यूम मेव, साहिल मेव, भरत भावद्रिया, हनीफ पठान, शाहरूख शाह, जेनूल अली, चंदा बाई, सीताबाई, आदि उपस्थित थे।

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