बाबा करेगें शीतल जल से स्नान, चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक चलेगा क्रम
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली पर्व से ही प्रतिदिन मंदिर में होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन हो जाएगा। इसी दिन से बाबा महाकाल को शीतल जल से स्नान कराया जाएगा। यह क्रम आश्विन पूर्णिमा तक रहेगा। वहीं महाकाल मंदिर में होलिका दहन भी सबसे पहले होता है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में दो बार भगवान महाकाल की प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन होता है। इस बार होलिका दहन 6 मार्च को होगा। परंपरा अनुसार मंदिर में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से प्रतिदिन होने वाली आरतियों के समय में परिवर्तन होता है। इसी दिन से भगवान श्री महाकालेश्वर को शीतल जल से स्नान कराने का क्रम भी शुरू हो जाएगा। मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि बाबा की आरतियों के समय में आधा घंटा समय का परिवर्तन होता है। भगवान की दिनचर्या में परिवर्तन हो जाता है।
होलिका दहन मंदिर परिसर में
श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली का पर्व सबसे पहले मनाया जाता है। इस बार होलिका का दहन 6 मार्च को होगा। मंदिर परिसर में श्री ओंकारेश्वर मंदिर के सामने संध्या आरती के पश्चात होलिका का दहन किया जाएगा। इसके साथ ही भजन संध्या का आयोजन भी प्रतिवर्ष की भांति होगा।
बाबा महाकाल की आरतियों का समय
- प्रथम भस्मार्ती – प्रात: 4 से 6 बजे तक
- द्वितीय दद्योदक आरती – प्रात 7 से 7: 45 बजे तक
- तृतीय भोग आरती – प्रात: 10 से 10: 45 बजे तक
- चतुर्थ संध्याकालीन पूजन – सांय 5 से 5: 45 बजे तक
- पंचम संध्या आरती – सांय 7 से 7: 45 बजे तक
- शयन आरती – रात्रि 10: 30 से 11 बजे तक
(भस्मार्ती एवं शयन आरती अपने निर्धारित समय पर ही होगी।)