आंकड़ा पहुंचा 25 पर, 2 कुंड के पास तो दो वीआईपी प्रांगण में मिले
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में कौवों की मौत का सिलसिला लगातार चल रहा है। बर्ड फ्लू की आशंका के चलते कौवों की मौत की आशंका जताई जा रही है। अभी तक मंदिर में 25 कौवों की मौत हो चुकी है। पिछले बुधवार से कौवों की मरने की शुरुआत हुई थी।
प्रदेश में कौवों की मौतें लगातार हो रही हैं। अन्य जिलों के कौवे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। कौवों की लगातार हो रही मौतों से उज्जैन जिला प्रशासन भी चिंतित है। अन्य पक्षियों में बर्ड फ्लू फैलता है तो स्थिति और घातक हो जाएगी। सुरक्षा के तौर पर जिला प्रशासन ने शहर के अंदर मुर्गा-मुर्गियों की दुकानें तो बंद करा दी हैं। सभी को शहर के बाहर पोल्ट्री फार्म मेंं स्थानांतरित करवा दिया गया है, लेकिन चिंता की बात यह है कि महाकालेश्वर मंदिर में आशियाना बनाकर रहने वाले कौवों की मौतें भी लगातार हो रही हैं। अभी तक इसका आंकड़ा 25 तक पहुंच चुका है।
दो कुंड के पास, दो वीआईपी प्रांगण में मृत
वीआईपी गेट पर स्थित पीपल के पेड़ में वर्षों से कौवों का आशियाना है। पिछले बुधवार से कौवों का मरना शुरू हुआ था और वनविभाग की टीम भी यहां पर पहुंची थी। तब तक इनकी संख्या 16 थी लेकिन पिछले शनिवार को 5 कौवे यहां पर और मृत पाए गए थे। सोमवार को फिर से दो कौवे कुंड के पास तो दो वीआईपी प्रांगण स्थित पीपल के पेड़ के नीचे मृत पाए गए। कौवों को मृत देखकर सोशल मीडिया पर इसकी सूचना वायरल हो गई।
कहीं दूसरे पक्षियों में ना फैल जाए
महाकालेश्वर मंदिर सहित शहर के अन्य स्थानों पर मृत पाए गए कौवों को लेकर शासन-प्रशासन के पास कोई ठोस इलाज नहीं है। बर्ड फ्लू यदि मुर्गा मुर्गी और आकाश में विचरण करने वाले अन्य पक्षियों तक पहुंचता है तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। शहर के लोग भी मुर्गा-मुर्गियों और अंडों से दूरी बनाए हुए हैं।
चायनीज मांझा भी मौत का कारण
वीआईपी गेट और सती माता मंदिर के पीछे स्थित पेड़ों पर कौवे रात्रि विश्राम करते हैं। इस दौरान पेड़ पर लटक रहे चायनीज मांझे में उलझकर इनकी मौत प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर्व के दौरान होती है। सोमवार को मंदिर व्हील चेयर कर्मचारी ओम योगी ने वीआईपी गेट के पीपल के पेड़ पर मांझे में उलझे दो कौवों को नीचे उतर कर उनकी जान बचाई। दो कौवे और मांझे में उलझे पड़े हैं, जिनको आज नीचे उतार कर आजादी दिलाई जाएगी।