महापौर पद का चुनाव लडऩे के दावेदारों के लिए स्थानीय कांग्रेस संगठन ने नियमों का एक मायाजाल तैयार किया है। जिसमें महापौर दावेदार को प्रत्येक 54 वार्डों से 50-50 परिवारों का समर्थन पत्र, प्रत्येक बूथ से पांच कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल करने के साथ-साथ खुद के बारे में लिखित रूप से बताना होगा कि कांग्रेस के सदस्य कब से हैं, कोई अपराध दर्ज तो नहीं, पूर्व में चुनाव लड़ा है तो उसका परिणाम क्या रहा, बिजली-पानी-सम्पत्तिकर आदि सरकारी टैक्स बाकी तो नहीं है।
यह भी बताना होगा कि पार्टी ने उन्हें कभी निष्कासित तो नहीं किया। इतने सारे कानून-कायदों का पालन करते हुए महापौर पद के दावेदार को 5 फरवरी तक आवेदन कांग्रेस संगठन के पास जमा करना है। नियमों का यह जाल हर दावेदार को परेशान किए है।
ऐसा शायद ही कोई दावेदार होगा, जो प्रत्येक वार्ड से 50-50 समर्थक परिवार का लिखित समर्थन ले आए और प्रत्येक बूथ से 5-5 कार्यकर्ताओं का सहमति पत्र ले आए। अगर किसी दावेदार के पास यह सब है तो फिर उसे संगठन के टिकट पर चुनाव लडऩे की क्या जरूरत। शायद इसीलिए किसी भी प्रमुख दावेदार ने नियमों के मायाजाल में उलझा आवेदन जमा नहीं किया है।