पर्दे के पीछे तीन बीजेपी नेताओं की भी भूमिका
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में हरिफाटक फोरलेन पर स्थित सीएचएल अपोलो हॉस्पिटल का करीब 44 करोड़ रुपए में सौदा होने की जानकारी सामने आई है। उज्जैन के भारतीय जनता पार्टी के चार नेताओं ने मिलकर इस सौदेबाजी को अंजाम दिया है। 31 मार्च के पूर्व इस हॉस्पिटल का कब्जा लिया जाना है। हालांकि कहा जा रहा कि यह हॉस्पिटल आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा लिया गया है। सारी हकीकत आने वाले समय में सामने आएगी।
पिछले कई दिनों से उज्जैन के सीएचएल अपोलो हॉस्पिटल के सौदे को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा था। जब यह अस्पताल उज्जैन में प्रारंभ तब इंदौर के तीन लोगों ने मिलकर खरीदा था। एक वर्ष पूर्व एक पार्टनर राजेश जैन हट गए और राजेश भार्गव और नेमीचंद मारू इसको संचालित करने लगे।
इन दोनों के बीच काफी दिनों से चल रहे विवाद के बाद इसे बेचने का निर्णय लिया गया। इस हॉस्पिटल को बेचने के लिए 55 करोड़ लगाए गए थे, परंतु काफी कश्मकश के बाद भी इतनी रकम नहीं आने के बाद उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. वीके महाडीक के द्वारा खरीदने का निर्णय लिया।
कहा जा रहा है कि इस पूरे इस पूरी सौदेबाजी को मध्य प्रदेश फार्मेसी बोर्ड के अध्यक्ष ओम जैन के माध्यम से किया गया है तथा इसका पूरा संचालन भी ओम जैन के द्वारा ही किया जाना है। जानकार सूत्रों के अनुसार इसके पर्दे के पीछे पैसा लगाने वालों में पूर्व मंत्री बाबूलाल जैन एव पारस जैन के नाम की भी चर्चा है। इस अस्पताल का कब्जा आगामी 31 मार्च के पूर्व लिए जाने का अनुबंध हुआ है। अनुबंध में अग्रिम राशि भी दे दी गई है।
सीएचएल का सारा स्टाफ बदला जाएगा
खरीदे गए सीएचएल अस्पताल में बड़ी संख्या में डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ कार्यरत है, सौदेबाजी में यह भी तय किया गया है कि डॉ महाडिक अपने हिसाब से नए स्टाफ की भर्ती करेंगे। इसके कारण बड़ी संख्या
में कर्मचारी बेरोजगार हो जायेगे।
कमलनाथ की लिफ्ट गिरी थी, वह पूर्व पार्टनर का अस्पताल है !
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ डीएनएस अस्पताल की जिस लिफ्ट में बैठकर आ रहे थे और वह गिरी थी वह अपोलो अस्पताल के पूर्व पार्टनर राजेश जैन का है। सीएचएल हॉस्पिटल से अलग होने के बाद उन्होंने इंदौर के एलआईजी रोड पर लाइफलाइन अस्पताल को ओने पौने दामों में खरीद कर उसे आधुनिक बनाया है और उसे डीएनएस अस्पताल का नाम दिया।