खबरों के उस पार: बेरिकेडिंग खतरनाक भी..!

महाशिवरात्रि पर जिला प्रशासन ने महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था के लिए तगड़ी बेरिकेडिंग की है। प्रशासन का दावा है कि हरसिद्धि चौराहे से दो कतार में की गई बेरिकेडिंग के जरिए मात्र 45 मिनट में श्रद्धालु को महाकाल दर्शन कराए जाएंगे। चंद मीडियाकर्मी प्रशासनिक अधिकारियों के जुमले बिना जांचे-परखे सुर्खियां बना रहे हैं।

पहली बात तो मात्र 45 मिनट में दर्शन की बात अप्रमाणिक है। दूसरा, जो बेरिकेडिंग जिला प्रशासन ने की है, क्या वो दर्शनार्थियों के लिए सुरक्षित है? बेरिकेडिंग पूरी तरह पैक है, यानी जो इसमें गया, वो महाकाल दर्शन के बाद ही बाहर निकल सकेगा। अगर सभी व्यवस्था ठीक हो तो दर्शन होने मेें डेढ़-दो घंटे का वक्त लगना मामूली बात है।

ऐसे में कम से कम डेढ़-दो घंटे तक तो दर्शनार्थी को बेरिकेड्स में कैद रहना ही होगा। इस दौरान आकस्मिक स्थिति होने पर भी वह बाहर नहीं निकल सकता। बेरिकेड्स के पहिए भी खतरनाक है और दर्शनार्थियों के पैरों को चोंट पहुंचा रहे हैं। भगदड़ या धक्का-मुक्की होने की स्थिति में भी यह बेरिकेड्स काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन खतरनाक बेरिकेड्स की जगह प्रशासन को अब अन्य उपाय खोजना होंगे।

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