उज्जैन (प्रशांत अंजाना)। गुरूवार को महाशिवरात्रि का पर्व था। प्रशासन और पुलिस ने शानदार व्यवस्था की थी। सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त थे। अतिविशिष्टजनों के सुरक्षाकर्मियों के अलावा कोई भी हथियार मंदिर के अंदर नहीं ले जा सकता था। मगर एक युवा भाजपा नेता अपने साथ रिवाल्वर लेकर चाँदी द्वार तक पहुंच गये।
कलेक्टर आशीषसिंह और पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र शुक्ला की तारीफ करनी होगी। उन्होंने शिवरात्रि के लिए बेहतरीन दर्शन व्यवस्था का, ना केवल प्लान बनाया, बल्कि इस पर सख्ती से अमल भी किया। खासकर कलेक्टर, जिन्होंने मंदिर की दर्शन व्यवस्था को रतनगढ़ का किला नहीं बनाया। अपने आयुक्त कार्यकाल के दौरान हुए अनुभव के आधार पर। जिसका परिणाम सकारात्मक रहा। कहीं कोई विवाद सामने नहीं आया। आसानी से भक्तों को दर्शन मिले। आम आदमी और वीआईपी भी व्यवस्था से संतुष्ट नजर आये। मंदिर के लिए कड़ी सुरक्षा थी। मगर इस सुरक्षा के बाद भी एक भाजपा नेता का गणेश मंडप तक रिवाल्वर लेकर पहुंच जाना, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर गया है।
सत्ता का नशा …
दरअसल, सत्ता का नशा दिखाने के लिए नेतागण यह करते हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले 14 महीने की कांग्रेसी सरकार में भी ऐसी ही घटना हुई थी। कांग्रेसी नेता रवि शुक्ला भी रिवाल्वर लेकर मंदिर पहुंच गये थे। खूब हंगामा मचा था। मगर सत्ता के आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब भाजपा की सत्ता है। रिवाल्वर लेकर जाने वाले भाजपा नेता हैं। इसलिए पूरी उम्मीद है कि इस बार भी कोई कार्रवाई नहीं होगी।
पॉवर …
खुद को वीआईपी और पॉवर दिखाने की होड इन दिनों भाजपाइयों में खूब मची हुई है। इसी पॉवर को दिखाने के चक्कर में भाजपा नेता रिवाल्वर लेकर चाँदी द्वार तक पहुंच गये। उन्होंने अपनी रिवाल्वर भी अजीब तरीके से लगा रखी थी। बिना किसी कवर के, पेंट के पीछे रिवाल्वर लगी थी। जो कि वहां मौजूद सभी को नजर आ रही थी। (देखे तस्वीर) सवाल यह है कि शिवरात्रि पर सभी वीआईपी को गेट नम्बर-4 से प्रवेश दिया गया। चाँदी द्वार तक पहुंचते-पहुंचते 2 से 3 बार सुरक्षा चैकिंग होती है। मेटल डिटेक्टर भी लगा हुआ है। इसके बाद भी भाजपा नेता बड़े आराम से अपना हथियार लेकर चाँदी द्वार तक पहुंच गये। भाजपा खेल प्रकोष्ठ विभाग से जुड़े इन नेताजी को किसी ने भी नहीं रोका।