उज्जैन में औद्योगिक विकास का नया अध्याय, विक्रम उद्योगपुरी फेज-2 के लिए 568 करोड़ का अवार्ड

मुख्यमंत्री डॉ. यादव

सीएम के विजन से राष्ट्रीय स्तर पर बनी नई पहचान, 20 हजार से अधिक युवाओं को मिलेगा प्रत्यक्ष रोजगार

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में औद्योगिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए विक्रम उद्योगपुरी के दूसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो गया है। मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के मार्गदर्शन में 568 करोड़ रुपये का अवार्ड पारित किया गया है। यह निर्णय उज्जैन को औद्योगिक मानचित्र पर एक मजबूत पहचान दिलाने में सहायक होगा।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 346.178 हेक्टेयर भूमि पर नई औद्योगिक नगरी स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों और भूमि मालिकों के हितों को प्राथमिकता देने की सोच ने इस प्रक्रिया को गति दी है। यह नया चरण उज्जैन जिले को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में और अधिक सशक्त करेगा, जिससे यहाँ रोजगार और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी नीतियों का परिणाम अब धरातल पर दिखाई दे रहा है। उन्होंने पदभार संभालते ही यह स्पष्ट कर दिया था कि प्रदेश में उद्योगों का विस्तार होगा, लेकिन भूमि स्वामियों के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। विक्रम उद्योगपुरी का दूसरा चरण (फेज-2) इसी सोच का एक जीवंत उदाहरण है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 346.178 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है, जिसके लिए 568 करोड़ रुपये का मुआवजा 593 भूमि स्वामियों को स्वीकृत हुआ है। इस अधिग्रहण में सात गाँव- नरवर, मुंजखेड़ी, माधोपुर, कड़छा, गवाड़ी, चेनपुर हंसखेड़ी और पिपलोदा द्वारकाधीश की जमीन शामिल है।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

  • आधुनिक टाउनशिप: फेज-2 में न केवल औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित होंगी, बल्कि एक आधुनिक टाउनशिप का भी विकास किया जाएगा। इसमें आवासीय कॉलोनियाँ, स्कूल, अस्पताल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान शामिल होंगे, जो इसे एक स्मार्ट सिटी का रूप देगा।
  • कुल लक्ष्य और दायरा: फेज-2 में कुल 472.648 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का लक्ष्य है। पहले चरण में 458.6 हेक्टेयर पर काम पूरा हो चुका है। इस नए चरण के साथ विक्रम उद्योगपुरी का कुल दायरा 2300 एकड़ से अधिक हो जाएगा।
  • औद्योगिक गलियारे का हिस्सा: यह परियोजना दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी, जिससे उज्जैन की औद्योगिक विरासत और मजबूत होगी।

निवेश के बड़े प्रस्ताव

अब तक 35 कंपनियां विक्रम उद्योगपुरी फेज-2 में निवेश के लिए सामने आई हैं। कुल 6857 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 10,220 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनेंगे। इनमें अडाणी सीमेंट्स (3500 करोड़), वीई कमर्शियल व्हीकल्स (1500 करोड़), अलकेम इंडिया (600 करोड़), इको रीसाइक्लिंग लिमिटेड (200 करोड़), एक्वारेल इंडिया (250 करोड़), बेरीकेप (100 करोड़), केबकॉन इंडिया (100 करोड़) और 9एम इंडिया लिमिटेड (100 करोड़) जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। इन निवेशों से न केवल उज्जैन अपितु आसपास के जिलों की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

रोजगार की अपार संभावनाएं

यह परियोजना उज्जैन को धार्मिक नगरी से आगे बढ़ाकर एक संतुलित औद्योगिक और आधुनिक शहर के रूप में स्थापित करेगी। एक ओर जहां यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान श्री महाकाल दर्शन के लिए आते हैं, वहीं दूसरी ओर उद्योग और रोजगार का नया माहौल उज्जैन की छवि को और व्यापक बनाएगा। फूड प्रोसेसिंग, फार्मा और प्लास्टिक सेक्टर की कई नामी कंपनियां पहले से ही यहां सक्रिय हैं।

अमूल जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं। इनके अनुभव से नए निवेशकों को भरोसा मिलेगा और औद्योगिक वातावरण मजबूत होगा। फेज-2 की शुरुआत के साथ ही उज्जैन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के हजारों अवसर बनने की संभावना है। अनुमान है कि केवल उद्योग लगाने से करीब 78 हजार रोजगार पैदा होंगे। इससे उज्जैन के युवाओं को अपने ही शहर में अच्छे अवसर मिलेंगे और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति सशक्त होगी, उन्हें रोजगार के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा।

नवी उज्जैन एवं स्मार्ट टाउनशिप के रूप में होगी विकसित

विक्रम उद्योगपुरी को केवल औद्योगिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रखा गया है। इसे एक स्मार्ट टाउनशिप के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां उद्योगों के अलावा आवासीय कॉलोनियां, स्वास्थ्य और शिक्षा संस्थान, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स और मनोरंजन की सुविधाएं भी होंगी। कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए देवास-उज्जैन बाईपास, कड़छा रेलवे स्टेशन और एयरस्ट्रिप जैसी सुविधाएं योजना में शामिल की गई हैं। इनसे न केवल उद्योगों को लॉजिस्टिक सपोर्ट मिलेगा बल्कि पूरे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।

भूमि स्वामियों के लिए बेहतर मुआवजा

सरकार ने भूमि स्वामियों को उनकी जमीन का उचित मूल्य दिलाने पर विशेष ध्यान दिया है। पहले अनुमान था कि भूमि स्वामियों को 2024-25 की गाइडलाइन दर के आधार पर लगभग 521 करोड़ रुपये मिलेंगे। लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर विशेष पैकेज लागू किया गया, जिसके तहत पूर्व से निर्धारित मुआवजे के अतिरिक्त लगभग 250 करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज स्वीकृत किया गया है। यही वजह है कि अब भूमि स्वामी भी इस परियोजना के समर्थन में खड़े हैं और बिना किसी विरोध के जमीन अधिग्रहण संभव हो सका है।

विक्रम उद्योगपुरी केवल एक औद्योगिक केंद्र नहीं, बल्कि एक आधुनिक स्मार्ट टाउनशिप के रूप में विकसित हो रही है। देवास-उज्जैन बाईपास, कड़छा रेलवे स्टेशन, और एयरस्ट्रिप जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं इस परियोजना को और आकर्षक बनाती हैं। इस परियोजना से उज्जैन का सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य पूरी तरह बदल जाएगा।

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