उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पंडे पुजारियों के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन मंदिर के चिंतामन लड्डू प्रसाद यूनिट का हलवाई आएदिन गर्भगृह में प्रवेश कर मंदिर की व्यवस्थाओं को चुनौती देने का काम करता है। ऐसा नहीं है कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है। वे कई बार इसे समझा भी चुके हैं, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। शुक्रवार को दोपहर 12.40 बजे के आसपास उसने गर्भगृह में प्रवेश कर प्रतिबंध नियमों का उल्लंघन किया।
चिंतामन लड्डू प्रसादी यूनिट का हलवाई यहां पर तैयार नैवेद्य को चढ़ाने अक्सर मंदिर में आता है, लेकिन वह बकायदा सोला पहनकर पंडे पुजारियों की ही तरह गर्भगृह मे प्रवेश करता है। शुक्रवार को भी वह नैवेद्य लेकर दोपहर 12.40 बजे के आसपास मंदिर आया और गर्भगृह से दर्शन पूजन किया। इसकी सीसीटीवी फुटेज अगर मंदिर प्रशासन निकलवा कर देखे तो असलियत सामने आ जाएगी। लड्डू प्रसादी बनाते बनाते यह अपने को पंडा पुजारी समझने लगा है।
मंदिर प्रशासन द्वारा भी हार बार बिना टेंडर के इसी हलवाई को ठेका दे दिया जाता है। जबकि इसके अलावा भी एक से बढक़र एक हलवाई शहर में हैं।
पहले भी अधिकारी समझा चुके लेकिन नतीजा शून्य
पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान से गर्भगृह में आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया हुआ है। लेकिन इसके अंदर जाने वाले आज भी बेखौफ होकर प्रवेश कर रहे हैं। पहले भी वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी के बाद उसको समझाया था। लेकिन चिंतामन लडडू यूनिट का प्रभारी बना बैठा यह हलवाई किसी की भी बात नहीं मान रहा है। यहां तक कि कलेक्टर के आदेश
को भी घोलकर पी रहा है। अक्सर वह नेवैद्य भगवान महाकाल को चढ़ाने के लिए मंदिर आता है
और गर्भगृह में प्रवेश कर पूजन अर्चन करता है। कोई रोकने वाला नहीं है।
राजनीतिक वरदहस्त के चलते हर साल बगैर टेंडर ठेका
जानकारी में आया है कि मंदिर प्रशासन द्वारा इसको बिना टेंडर के ही नियुक्त किया गया है। प्रतिकिलो 6 रुपए के मान से यह लड्डू प्रसादी का निर्माण करता है। इसने अपने आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी भी लगा रखे हैं। जिसके बल पर वह लाखों रुपए प्रतिवर्ष मंदिर प्रबंध समिति से वसूल करता है। बताया जाता है कि वह सत्तासीन पार्टी के नेताओं से प्रगाढ़ संबंध हैं, जिसके चलते प्रतिवर्ष वह बिना टेंडर के लड्डू प्रसादी निर्माण का ठेका प्राप्त कर लेता है।