धार, अग्निपथ। जिले में स्थित सदियों पुराना ऐतिहासिक लुनेरा सराय किला अब एक भव्य हेरिटेज होटल में बदलने की तैयारी में है। धार-नागदा गुजरी मार्ग पर स्थित यह सराय दुर्ग (किला) अब नए और आकर्षक स्वरूप में तैयार हो रहा है। इसके नवीनीकरण (रिनोवेशन) का कार्य अंतिम चरण में है, जिससे इस उपेक्षित ऐतिहासिक स्थल को एक नई और शानदार पहचान मिलेगी।
पर्यटकों को मिलेगी फाइव स्टार सुविधा
104 कमरों के साथ एक लग्जरी फाइव स्टार होटल का निर्माण होगा।
यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग (एमपी टूरिज्म बोर्ड) द्वारा निजी निवेशकों को लीज पर दिया गया है।
इस परियोजना पर करोड़ों रुपये के खर्च का अनुमान है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों और आगंतुकों को बेहतरीन सुविधा मिलेगी।
एमपी टूरिज्म बोर्ड ने लुनेरा सराय सहित प्रदेश में कुल 26 स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। इसके तहत हेरिटेज होटल, रिसोर्ट, वेलनेस सेंटर आदि बनाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार का लाभ
कई सालों तक उपेक्षित रहा यह ऐतिहासिक किला अब स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर लेकर आ रहा है। किले का कार्य शुरू होने और होटल निर्माण के साथ ही, स्थानीय लोग काम से जुड़ गए हैं, जिससे क्षेत्र के निवासियों को आर्थिक लाभ मिलेगा। पुरातत्व विभाग ने इसकी देखरेख के लिए इसे पर्यटन विभाग को हैंडओवर कर दिया था, जिसके बाद लीज की प्रक्रिया अपनाई गई।
17वीं सदी का निर्माण, धार किले जैसी बनावट
इतिहासकारों के अनुसार, सराय किले का निर्माण 17वीं सदी के आसपास हुआ था और इसकी बनावट काफी हद तक धार किले से मिलती-जुलती है।
किले की बाहरी दीवार (परकोटा) और मुख्य द्वार में लाल पत्थरों का उपयोग किया गया है।
मुगल शासन के दौरान, यह जगह बाहरी यात्रियों के ठहरने के लिए उपयोग होती थी, इसीलिए इसका नाम सराय पड़ा।
जानकारों के मुताबिक, मुगल बादशाहों की बेगमों के करीबी मेहमानों और शादी-विवाह के दौरान भी इस किले का उपयोग होता था।
प्रमुख पर्यटन स्थलों से किले की दूरी
हालांकि यह किला लंबे समय से पर्यटन के नक्शे पर हाशिए पर रहा है, लेकिन अब यह प्रमुख पर्यटन केंद्रों के पास होने के कारण आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
| स्थान | लुनेरा सराय से दूरी |
| धार | 31 किलोमीटर |
| इंदौर | लगभग 98 किलोमीटर |
| मांडव | 25 किलोमीटर |
| महेश्वर | 50 किलोमीटर |
| ओंकारेश्वर | 100 किलोमीटर |
| उज्जैन | 150 किलोमीटर |
पर्यटन विभाग का मानना है कि पर्याप्त विकास होने पर यह स्थान एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में उभर सकता है। निवेशक को हेरिटेज होटल के लिए किले सहित 2.4214 हेक्टेयर जमीन दी गई है।
मांडव आने-जाने वाले शासकों का विश्राम स्थल
ग्राम सराय में स्थित इस किले में मुगल बादशाह दल-बल के साथ मांडव आने-जाने के दौरान रुककर आराम और रात्रि विश्राम किया करते थे। इसीलिए इसके नाम में ‘सराय’ जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि अकबर सहित कई मुगल शासक और अन्य राजा भी यहां ठहरे हैं।
