लॉकडाउन के चलते सोमतीर्थ कुंड सहित रामघाट पर रहा सन्नाटा
उज्जैन, अग्पिथ। जिला प्रशासन द्वारा 19 अप्रैल तक उज्जैन जिले में लॉकडाउन की घोषणा कर दिए जाने के बाद सोमवार को पडऩे वाली सोमवती अमावस्या पर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नगण्य रही। रामघाट और सोमवती कुंड पर पुलिस प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था कर रखी थी। जिसके चलते शहर के श्रद्धालु भी स्नान दान पुण्य के लिए शिप्रा तट पर नहीं पहुंचे। वहीं सिद्धवट और गयाकोठा पर भी पितरों के निमित्त कोई भी कर्मकांड नहीं हो पाए।
वर्ष-2021 की पहली और आखिरी सोमवती अमावस्या पर बाहरी श्रद्धालु लॉकडाउन के चलते नहीं आ पाए। शहर की सडक़ों पर एक दिन पूर्व से ही बाहरी श्रद्धालुओं का आगमन देखा जा सकता था, लेकिन लॉकडाउन के घोषणा होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से एक भी श्रद्धालु शिप्रा में स्नान दान पुण्य के लिए नहीं पहुंचा। यहां तक कि शहरी क्षेत्र के श्रद्धालु भी लॉकडाउन का पालन करते हुए शिप्रा तट तक नहीं पहुंंचे। पिछले शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ कलेक्टर आशीष सिंह और जिला क्राइसिस मैनेजमेंट के सदस्यों ने सोमवती अमावस्या को लेकर अनुमति मांगी थी। जिसकी सहमति मुख्यमंत्री ने दे दी थी। लेकिन एकाएक 248 और 218 कोरोना मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन द्वारा सोमवती अमावस्या पर स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं पर पाबंदी लगा दी गई थी। जिसका असर सोमवार को देखने को मिला।
सोमतीर्थ कुंड का महत्व
सोमवती अमावस्या पर सोमतीर्थ कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु सोमतीर्थ कुंड में स्नान करने के पश्चात दान पूर्ण करते हैं और भगवान महाकाल के दरबार में आकर मत्था टेकते हैं। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। सोमतीर्थ कुंड और राम घाट पर किसी भी श्रद्धालुओं की उपस्थिति नहीं देखी गई। सोमतीर्थ कुंड, रामघाट और बावन कुंड पर 150 की संख्या में पुलिस बल लगाया गया था जो कि निगरानी कर रहा था। शहर के श्रद्धालुओं ने भी लॉक डाउन का पालन किया और वहां अपने घरों में ही रहे। महाकालेश्वर मंदिर में भी लॉकडाउन के चलते कोई भी श्रद्धालु दर्शन के लिए नहीं आया।
सिद्धवट-गया कोठा पर लगे ताले
कृष्ण पक्ष की चौदस को बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान सिद्धवट और गयाकोठा पर अपने पितरों के निमित्त स्नान कर दर्शन कर दान पुण्य करते हैं। लेकिन इस बार वहां पर सन्नाटा छाया रहा। किसी भी श्रद्धालु को यहां पर पुलिस ने प्रवेश नहीं करने दिया। लॉकडाउन के चलते पूजा पाठ के बाद मंदिर के गेट पर ताले लगा दिए गए थे। सोमवती अमावस्या होने के बावजूद सिद्धवट और गया कोठा पर कोई भी श्रद्धालु दर्शन के लिए नहीं पहुंच पाया। गयाकोठ पर कुछ श्रद्धालु पहुंचे तो लेकिन उन्होंने गेट पर ही दूध और जल चढ़ाकर बाहर से हाथ जोड़े और रवाना हो गए। यही हाल बावन कुंड पर भी रहे। कुछ श्रद्धालु यहां पर पहुंचे तो लेकिन उनको पुलिस ने रवाना कर दिया।