कोरोना संक्रमण की शंका में 3 अप्रैल को लिया था सेंपल, बुलेटिन में बाजीगरी
उज्जैन,अग्निपथ। कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ विभाग की गंभीरता पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं। हुआ यूं कि कोरोना संक्रमित की शंका में एक वृद्ध का 10 दिन पहले सेंपल लिया गया। स्वास्थ्य बिगडऩे पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती किया। अब ठीक होकर वह घर पहुंचने के बाद मंगलवार को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से मैसेज पहुंचा कि उनका सेंपल मिला है और रिपोर्ट आने तक वह खुद को आईसोलेट कर लें।
मॉडल स्कूल के पीछे स्थित गांधी नगर निवासी इंद्रेश सूर्यवंशी ने बताया कि पिता जसवंत सिंह के बीमार होने पर कोरोना संक्रमित होने की आशंका में 3 अप्रैल को सेंपल दिया था। हालत बिगडऩे पर इंदौर रोड के निजी हॉस्पीटल में भर्ती कर दिया था। यहां फेफड़ों में संक्रमण होने पर उनका उपचार किया गया और स्वस्थ होने पर 12 अप्रैल को छुट्टी हो गई।
इसी दौरान 12 अप्रैल दोपहर 1.20 बजे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से मोबाइल पर मैसेज आया कि आपका आरटीपीसीआर सेंपल मिल गया है। आपको सूचित किया जाता है कि रिपोर्ट आने तक खुद को आईसोलेट कर लें। इस मैसेज के बाद सवाल उठना लाजमी है कि परिजन अगर रिपोर्ट के भरोसे रहते और कुछ हो जाता तो जिम्मेदार कौन होता।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल से चर्चा का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
निगेटिव को पॉजीटिव बताना आम
खास बात यह है कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट पर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। पॉजीटिव को निगेटिव या उल्टा बताना आम बात है। ऐसा ही वाकया जिला अस्पताल के डाक्टर जितेंद्र शर्मा के साथ भी हो चुका है। पॉजीटिव बताने पर वह सकते में आ गए और दोबारा जांच करने पर निगेटिव रिपोर्ट आई तो उन्होंने चेन की सांस ली।
बुलेटिन में आकड़ों की धांधली
स्वास्थ विभाग रोज रात को कोरोना बुलेटिन जारी करता है। 12 अप्रैल की रात जिले के बुलेटिन में कुल पॉजीटिव 8045, ठीक 6206 व मौत 108 बताई। वहीं भोपाल स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा 12 अप्रैल को जारी प्रदेश की रिपोर्ट में उज्जैन में पॉजीटिव 7846, स्वस्थ 6006, एक्टिव 1721 व मौत 119 बताई गई।