गुर्जर परिवार पर हत्या का केस, 2 से पूछताछ
कायथा/उज्जैन, अग्निपथ। घर से समीप रहने वाले परिवार के यहां सोमवार-मंगलवार रात 3 बजे पहुंचे युवक को परिवार ने पकड़ लिया और आंगन में लगे पेड़ से बांधकर लकड़ी और लाठियों से जमकर पीटा। जानकारी लगने पर डायल हंड्रेड पहुंची और युवक को अस्पताल में भर्ती कराया। मंगलवार सुबह युवक की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि कायथा थाना क्षेत्र के ग्राम कामलीखेड़ा में रहने वाला बिजेश पिता बाबूलाल मालवीय 23 वर्ष रात 3 बजे के लगभग घर के समीप रहने वाले हिन्दूलाल गुर्जर के घर पहुंचा था। उसके घर में घुसने की जानकारी मिलने पर परिवार नींद से जगा गया और बिजेश को पकड़ लिया।
गुर्जर परिवार ने उसे आंगन में लगे बबूल के पेड़ से रस्सी से बांध दिया और लाठियों से जमकर पीटा। शोर सुनकर बिजेश के परिजन और गांव वाले एकत्रित हो गये। मामले की सूचना डायल हंड्रेड को दी गई। पुलिस ने पहुंचकर युवक को छुड़ाया और घायल होने पर उपचार के लिये तराना अस्पताल पहुंचाया। जहां मंगलवार तडक़े उसकी मौत हो गई।
मारपीट में घायल की मौत और मामला हत्या से जुड़ा होने पर तराना एसडीओपी राजाराम अवास्या, कायथा थाना प्रभारी प्रदीपसिंह राजपूत तराना अस्पताल पहुंच गये। घटनास्थल और मृतक की बॉडी का परीक्षण करने के लिये एफएसएल अधिकारी डॉ. अरविंद नायक को बुलाया गया। मृतक के शरीर पर चोट के कई निशान थे। पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया और जांच शुरू करते हुए गुर्जर परिवार के 2 लोगों को पूछताछ के लिये हिरासत में ले लिया।
मृतक ने किया था नर्सिंग कोर्स
पुलिस के अनुसार मृतक ने आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स किया था और गांव में लोगों का उपचार भी करता था। उसका पूर्व में कोई अपराधिक रिकार्ड सामने नहीं आया है।
मारपीट के पीछे वजह प्रेम प्रसंग
बताया जा रहा है कि बिजेश का गुर्जर परिवार की युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसके चलते रात में वह घर में घुसा था। लेकिन थाना प्रभारी का कहना था कि गुर्जर परिवार ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि बिजेश रात को चोरी की नीयत से आया था, जिसके चलते उसे पकड़ा गया था। थाना प्रभारी के अनुसार मामले में हत्या की धारा 302, 34, 3 (2) वी अजाक एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच के बाद मामला स्पष्ट होगा।
इनका कहना
मामले में कई पहलुओं पर जांच की जा रही है। मृतक और मारपीट करने वाले परिवार के बयान दर्ज किये जायेंगे। उसके बाद ही कुछ कह पाना संभव होगा। -राजाराम अवास्या, एसडीओपी तराना