स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के दो अधिकारी भी नपे,मार्डगेज संपत्ति के दस्तावेज देने का आरोप
उज्जैन,अग्निपथ। शुजालपुर के ट्रैक्टर डीलर ने ग्यारंटर व दो बैंक अफसर की मिलीभगत से पंजाब नेशनल बैेंक को करीब 74 लाख रुपए का चूना लगा दिया। करीब सात साल पहले हुई धोखाधड़ी में जांच के बाद शुक्रवार को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो) ने पांच लोगों पर केस दर्ज कर विवेचना शुरू की है।
शुजालपुर निवासी धर्मेंद्र परमार सोनालिका ट्रेक्टर का डीलर है। उसकी राजराजेश्वरी मोटर्स लिमिटेड फर्म है। 8 अक्टूबर 2018 को पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियो ने धर्मेंद्र पर 73,84,403 रुपए की धोखाधड़ी का संदेह जताते हुए ईओडब्ल्यू को शिकायत की थी। बताया था कि धर्मेंद्र ने ग्यारंटर कृष्णपाल व सुनील परमार की मदद से पूर्व में बैंक ऑफ इंडिया में बंधक रखी संपत्ति पर पुन: ऋण लिया है।
ईओडब्ल्यू निरीक्षक पीके व्यास ने जांच की तो जालसाजी में शाखा प्रबंधक सुरेश कदम एवं सहायक प्रबंधक भगवत छापडिय़ा की भूमिका सामने आई। योजनाबद्ध तरीके से बैंक को चपत लगाने के प्रमाण मिलने पर शुक्रवार को ईओडब्ल्यू ने पांचों के खिलाफ धारा 420,120 बी, भ्रष्टाचार अधिनियम 13(1)डी 13(2) व संशोधित 2018 की धारा 7-सी में प्रकरण दर्ज कर दिया।
ऐसे की बैंक से धोखाधड़ी
ईओडब्ल्यू को जांच में पता चला कि धर्मेंद्र ने वर्ष 2012 में बैंक ऑफ इंडिया से प्लाट व मकान बंधकर रख 30 लाख का ऋण लिया था। बाद में बैंक अधिकारी कदम व छापडिय़ा ने प्रापर्टी के दस्तावेज धर्मेंद्र व ग्यारंटर को दे दिए। नतीजतन परमार ने वर्ष 2013 में उक्त संपत्ति पर पंजाब नेशनल बैंक से लोन ले लिया। जानकारी के बाद पीएनबी अधिकारियों ने शिकायत कर दी थी। बताया जाता है आरोपी बैंक अधिकारियों का तबादला हो चुका है।
अब आगे यह
ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सोनी ने केस दर्ज करने के बाद मामले की विवेचना निरीक्षक अल्पना शर्मा को सौंपी है। अब शर्मा दोनों बैंक से आरोपी अधिकारियों के संबंध में बैंक के मुख्यालय को पत्र लिखेंगे। ईओडब्ल्यू दोनों बैंक से प्रकरण से संबंधित दस्तावेज तलब करेगी। विवेचना पूर्ण करने के बाद ईओडब्ल्यू कोर्ट में चालान पेश करेगी। कोर्ट सुनवाई के बाद केस का फैसला करेगी।