वैक्सीनेशन में लापरवाही: उज्जैन में वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने पहुंचे कई लोगों को लौटना पड़ा निराश

किसी का रिकॉर्ड नहीं तो किसी की तारीख में गड़बड़ी, अफसरों ने भी माना ट्रेंड स्टाफ नहीं होने से आ रही दिक्कत

उज्जैन। कोरोना माहमारी से सुरक्षा के लिए सिर्फ एक ही उपाय वैक्सीन है। भारत में जहां सरकार खुद वैक्सीन लगाने के लिए आम लोगों को प्रोत्साहित कर रही है वहीं वैक्सीनेशन सेंटर पर दिक्क्तों का सामना भी करना पड़ रहा है। इसमे बड़ी लापरवाही भी देखने को मिल रही है। उज्जैन के सरस्वती शिशु मंदिर ऋषि नगर केंद्र पर बनाए गए सेंटर पर कई लोगों को बिना वैक्सीन लगाए ही घर लौटना पड़ा। इस दौरान वैक्सीन लगवाने आए लोगों और कर्मचारियों में विवाद भी हुआ।

दरअसल सुबह 9 बजे वैक्सीन लगवाने वालों की भीड़ लगाना शुरू हुई। लेकिन दूसरा डोज लगवाने आए लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामान करना पड़ा। एक अप्रैल को लगवाए गए पहले डोज के लोगों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं मिल पाया। नाम और मोबाइल नंबर से पहले डोज की जानकरी लेनी चाही लेकिन कुछ नहीं मिला। कुछ लोगों ने एक अप्रैल को पहला डोज लगवाया लेकिन सॉफ्टवेयर में उनका पहला डोज 10 अप्रैल को दिखा रहा था। इसके चलते उन्हें भी वैक्सीन सेंटर से लौटा दिया।

केस एक: पहला डोज लगवाने का पूरा रिकॉर्ड गायब

ज्योति दुबे निवासी ऋषि नगर ने एक अप्रैल को कोविशील्ड लगवाया लेकिन रजिस्ट्रेशन में नाम ही नहीं। कागज भी गायब। दूसरा डोज लगवाने का दिन था लेकिन नहीं लग पाया। इसका कारण यह था कि सॉफ्टवेयर को पहले डोज के दौरान आए एसएमएस के अंतिम चार अंक चाहिए या फिर वैक्सीन लगवाने वाले के मोबाइल नंबर। दोनों ही से नहीं मिला रजिस्ट्रेशन नंबर। ज्योति दुबे का पूरा रिकॉर्ड ही गायब हो गया। इसके बाद ज्योति ने पहले डोज के दौरान ली गई फोटो दिखाई। इसके बाद कर्मचारियों ने मान तो लिया लेकिन फिर भी दूसरा डोज नहीं लगाया गया।

केस दो: तारीख का फेर और उम्र ही बदल दी

रविंद्र शर्मा निवासी व्यास नगर ने एक अप्रैल को कोविशील्ड का पहला डोज लगवाया लेकिन एसएमएस नहीं आया। शिकायत की लेकिन कर्मचारियों ने कहा कुछ देर में आ जाएगा। अब 42 दिन पूरे होने के बाद जब वैक्सीन लगवाने पहुंचे और सॉफ्टवेयर में देखा तो पहले डोज की तारीख 10 अप्रैल दिखा रहा है। उम्र भी 49 की जगह 69 वर्ष कर दी गई।

सभी को मिला तारीख का अंतर

इसी तरह 80 साल के अभिमन्यु शर्मा को भी बिना वैक्सीन लगवाए लौटना पड़ा। इसकी वजह यह थी कि उन्होंने एक अप्रैल को पहला डोज लगवाया था लेकिन रिकॉर्ड में 10 अप्रैल दिखाया गया। इसी तरह कृष्णा रावत को भी इसी दिक्कत का सामना करना पड़ा।

अफसरों ने माना आ रही दिक्कत

कोविड टीकाकरण अभियान के पहले चरण की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुई थी जिसमें हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी गई। दूसरा चरण एक मार्च, 2021 से शुरू हुआ, जब 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को इसमें शामिल किया गया। फिलहाल वैक्सीनेशन कार्यक्रम में दूसरे डोज लगवाने वालों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा है। ऋषि नागर वैक्सीन सेंटर में आई परेशानियों को लेकर जिला टीकाकरण अधिकारी केसी परमार ने कहा कि कई जगह इस तरह की समस्या आ रही है। आगे स्टाफ को ट्रेंड किया जाएगा। सॉफ्टवेयर में गड़बड़ है तो उसके लिए भी कहा गया है। दो तीन दिन में समस्या को सुलझा लेंगे।

आप भी जब वैक्सीनेशन कराए तो ध्यान रखे
cowin.gov.in की वेबसाइट पर जाएं और अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें। आपके नंबर पर आपको एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा। इस नंबर को वेबसाइट पर पर लिखे ओटीपी बॉक्स में लिखें और वेरिफाई लिखे। आइकन पर क्लिक करें, इससे ये वेरिफाई हो जाएगा। जब वैक्सीन लग जाएगा उसी समय आपके मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस आएगा उसको ध्यान से देख ले। अगर कुछ भी गलत तारीख या अन्य गलती दिखे तुरंत वैक्सीनेशन अधिकारी से सम्पर्क करे। नहीं तो दूसरे डोज में इस तरह की समस्या का समाना करना पड़ सकता है।

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