इंदौर। (कम्प्यूटर बाबा) के खिलाफ लगातार दूसरे दिन अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई की गई। सोमवार सुबह सुपर कॉरिडोर में किए गए अतिक्रमण को तोड़ा गया। इसके बाद टीम अम्बिकापुरी एक्सटेंशन मंदिर और आईडीए की योजना 151 में शामिल करीब 5 करोड़ रुपए मूल्य की 20 हजार वर्गफीट जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया। रविवार को बाबा के गोम्मट गिरी वाले आश्रम को प्रशासन ने तोड़ दिया और प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
प्रशासन की टीम ने कब्जे वाले बोर्ड को भी गिरा दिया।
सोमवार सुबह अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ सुपर कॉरिडोर पर कार्रवाई करने पहुंचे। यहां पर वन विभाग की आधा एकड़ जमीन से कब्जा हटाया। यहां पर आश्रम के साथ दो मंदिर निर्माण कर लिए गए थे। जानकारी के मुताबिक आश्रम में कंप्यूटर बाबा के शिष्य रहते थे। इसी जमीन को मुक्त करवाने के लिए वन विभाग ने जिला प्रशासन को लिखा था।
कार्रवाई के दौरान बाबा के नाम मिली रजिस्ट्री
रविवार को कार्रवाई के दौरान कम्प्यूटर बाबा के नाम कुछ रजिस्ट्री मिली थी। जिसमें अजनोद में बाबा ने 10 लाख रुपए की 3 हेक्टेयर कृषि भूमी खरीदी थी। यहां मंदिर बनाकर जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए इसका उपयोग किया जा रहा था। प्रशासन को बाबा के कई बैंक अकाउंट होने और उनमें असामान्य तरीके से पैसा जमा होने की भी शिकायतें मिली हैं। प्रशासन ने बाबा की जमीनों के साथ ही उनके खातों की भी जांच शुरू करवा दी है।
टीम ने कार्रवाई कर कब्जे वाली जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया।
भाजपा-कांग्रेस सरकारों में बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा मिला था
नर्मदा नदी के किनारे पेड़ लगाने में हुए कथित घोटाले के खिलाफ मार्च 2018 में यात्रा निकालने की घोषणा की थी। जिसके बाद शिवराज सरकार ने पौधारोपण को बढ़ावा देने के लिए एक कमेटी बनाई, इसमें कम्प्यूटर बाबा को भी शामिल किया गया और उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन, सरकार बदली तो बाबा ने भी खेमा बदल लिया और कांग्रेस के पक्ष में चले गए। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने भी नर्मदा विकास के लिए समिति बनाकर बाबा को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था।