झाबुआ। प्रदेश में संक्रमण बढ़ते ही जगह-जगह कोरोना कफ्र्यू का एलान कर दिया गया। कफ्र्यू लगते ही सीमेंट, सरिया व ईंट के दामों में वृद्धि कर दी गई। दाम बढ़ जाने से घर बनाने वालों का बजट ही गड़बड़ा गया है। कई लोगों ने फिलहाल निर्माण कार्य ही रोक दिया।
हर किसी का सपना रहता है कि उसका अपना आशियाना हो। मकान बनाने के लिए हर कोई अपने हिसाब से प्रयास करता रहता है। अधिकतर लोग बैंकों से ऋण लेकर अपना मकान बनाते हैं। लोगों का कहना है कि सीमेंट, सरिया व ईंट के दाम के साथ ही निर्माण कार्य के उपयोग में आने वाली सामग्रियों के दाम बढ़ जाने से बजट गड़बड़ा गया।
16 अप्रैल के पूर्व सीमेंट 300 से 305 रुपये प्रति बोरी बिक रही थी, जो बढक़र अब 330 से 350 रुपये तक पहुंच गई है। इसी तरह सरिया 4600 से 4800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था, जो बढक़र 6300 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया। इसी तरह प्रति दो हजार ईंट के दाम 8 हजार थे, जो बढक़र अब 9500 रुपये पहुंच गए हैं।
डेढ़ माह में बढ़ गया बजट
जिला इंजीनियर एवं आर्किटेक्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष संजय कांठी ने बताया कि डेढ़ माह में सीमेंट, सरिया के साथ ही निर्माण कार्य में आने वाली समस्त सामग्रियों के दाम बढ़ जाने से लोगों का हिसाब किताब गड़बड़ा गया है। पहले 1100 रुपये वर्ग फीट में निर्माण कार्य हो जाता था, जो बढक़र अब 1400 रुपये वर्ग फीट तक पहुंच गया है। इतनी वृद्धि पहले नहीं देखी गई।
कैसे बनाएं आशियाना
नागरिक मुकेश डामोर का कहना है कि उन्होंने मार्च माह में घर का निर्माण कार्य शुरू किया था, लेकिन कोरोना कफ्र्यू लगते ही सीमेंट, सरिया व ईंट के दाम अचानक बढ़ा दिए गए जिससे उनका बजट गड़बड़ा गया। दाम बढऩे के कारण फिलहाल उन्होंने निर्माण कार्य रोक दिया है। अगर दामों में कमी आई तो वे पुन: निर्माण कार्य शुरू करेंगे।
नागरिक एमएल चौहान का कहना है कि 16 अप्रैल तक सामग्रियों के दाम कम थे। उसके बाद सामग्रियों के दाम अचानक बढ़ा दिए गए। सीमेंट व सरिया के दाम तो आसमान छू रहे हैं। इतनी वृद्धि पहले कभी नहीं दिखी।
सीमेंट व सरिया व्यवसायी पीयूष गादिया का कहना है कि कच्चे माल की शार्टेज होने के कारण सामग्रियों के दाम अचानक बढ़ हैं। ऐसे में सभी का बजट गड़बड़ाया है। सरियों में इतनी वृद्धि तो पहले कभी नहीं देखी गई।
प्रधानमंत्री आवास के काम भी अटके
जिले में लगभग 5 हजार निर्माण कार्य प्रधानमंत्री आवास के चल रहे हैं। ऐसे में इन निर्माण कार्यों पर भी असर पड़ा है। कोरोना की पहली लहर में भी भुगतान नहीं होने के कारण कई कार्य अटके हुए थे। जैसे-तैसे आवासों का भुगतान शुरू हुआ। दूसरी लहर शुरू होते ही अब सामग्रियों के दाम बढ़ जाने से लोगों ने अपना निर्माण ही रोक दिया।
16 अप्रैल के बाद बढ़े दाम
सामग्री का नाम पहले फिलहाल
– सीमेंट 300 से 325 330 से 350
– सरिया 4600 से 4800 6000 से 6300
– ईंट 2000 नग 8000 रुपये 9500 रुपये