चार दिन में तीन बार गुजरात पहुंची पुलिस, नहीं मिला छात्रों का सुराग
उज्जैन,अग्निपथ। भाटपचलाना से चार दिन पहले लापता दो भाइयों का सोमवार तक सुराग नहीं लग पाया। परिजन मोबाइल पर आए मैसेज को देखते हुए अपहरण की शंका जाहिर कर रहे हैं, जबकि पुलिस को उनके खुद भागकर गुमराह करने के सुराग मिले हैं। बावजूद दोनों छात्रों को तलाशते हुए चार में पुलिस तीसरी बार गुजरात पहुंच गई।
ग्राम गजनीखेड़ा से 26 मई दोपहर 3 बजे राज उर्फ अंगेश्वर पिता यज्ञनारायण पांडे (15) मौसेरे भाई शिताशु (13) को लापता हो गए। मां संगीता पांडे ने रात तक दोनों का पता नहीं चलने पर अपहरण की आशंका जताकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस दोनों को खोज ही रही थी कि दो दिन पहले राज के मोबाइल से मैसेज आया कि उनका तस्कर ने अपहरण कर लिया है और वह 6-7 करोड़ के नशीले पदार्थ का तस्करी करवाने के बाद छह माह में छोड़ देंगे। धमकी भी दी गई की रिपोर्ट वापस नहीं लेने पर बच्चे नहीं मिलेंगे।
मैसेज का पता चलते ही पुलिस ने मोबाइल टॉवर लोकेशन निकाली। भोपाल, गौधरा व दाहोद का पता चलने पर एएसआई सयैद सलामत अली तीनों जगह खोजते रहे। सोमवार को बड़ौदरा की लोकेशन मिलने पर फिर पहुंचे। बावजूद बच्चों का सुराग नहीं मिल सका।
रतलाम स्टेशन पर मिली एक्टिवा
पुलिस के अनुसार राज इंग्लिश स्कूल में 9 वीं का छात्र है। वह शिताशु को लेकर कटिंग करवाने के लिए एक्टिवा से रुनिजा स्टेशन गया और लापता हो गया। पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर तलाशते हुए रतलाम पहुंची तो स्टेशन पर उनकी एक्टिवा मिल गई। दोनों के अवध एक्सप्रेस में चढ़ते हुए सीसी टीवी फुटेज भी मिलने से तय हो गया कि दोनों स्वेच्छा से गए हैं।
मैसेज किया मम्मी गलती हो गई
एएसआई अली के अनुसार घर से जाते समय राज के पास मात्र 150 रुपए थे, लेकिन उसकी मम्मी के खाते से तीन बार में 60 हजार रुपए पेटीएम हुए है। राज के मोबाइल से सोमवार को मैसेज आया कि मम्मी गलती हो गई। वहीं किसी अपहरणकर्ता द्वारा बच्चों के मोबाइल से रोज मैसेज करना शंकास्पद है। यह भी पता चला है कि वह करीब तीन लाख की चपत परिजनों को लगा चुका है। हालांकि उसके मिलने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।