लॉकडाउन के दौरान बंद दुकानों का मनमाना बिजली बिल वसूल रहा बिजली विभाग अब बिजली की दरों में भी बढ़ोत्तरी करने जा रहा है। बढ़ोत्तरी भी मामूली नहीं पूरे सवा छह प्रतिशत का प्रस्ताव है। प्रस्ताव को हाईकोर्ट से हरी झंडी भी मिल गई है।
कोरोना काल में घरेलू उपभोक्ता के स्लेब बढ़ाकर दो-तीन गुना बिजली बिल वसूल रहा और बंद दुकानों के मनमाने बिल भेजकर बिजली विभाग पहले ही लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। काम-धंधे-रोजगार गंवा चुके लोग वर्तमान बिजली के बिल ही भरने में असमर्थ हैं। ऐसे में बिजली की दरें भी बढ़ा दी गई तो आम आदमी की हालत और खराब ही होना है।
इस मामले में सरकार चुप है और विपक्ष को बिजली की दरें बढऩे की भनक तक नहीं है। बिजली की दरें बढ़ाने के पहले प्रदेश में काम कर रही तीनों बिजली कंपनियों ने अपने-अपने प्रस्ताव मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग को दिए थे। जिस पर आम लोगों से दावे-आपत्ति मांगे जाते थे। लेकिन उस वक्त जिम्मेदार लोग या विपक्ष उस वक्त आपत्ति लेने आगे नहीं आते हैं और नतीजा सबके सामने है।
अब विपक्ष खुद को जनता का हितैषी बताते हुए बिजली दरों की बढ़ोत्तरी को वापस लेने के लिए तरह-तरह के आंदोलन और ज्ञापन देने की नौटंकी करेगा। लेकिन इससे अब कुछ नहीं होना-जाना है।