ठेकेदारों ने नगर निगम आयुक्त से की अपर आयुक्त की शिकायत
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में स्वच्छता मिशन से जुड़ी फाइलों का अपर आयुक्त वित्त द्वारा भुगतान रोके जाने के बाद से ही खेमेबाजी शुरू हो गई है। नगर निगम में आयुक्त क्षितिज सिंघल और अपर आयुक्त गणेश धाकड़ के खेमों में बंटी नगर निगम में इंजीनियर, ठेकेदार भी बंट गए है। दोनों ही खेमे एक-दूसरे पर आरोप लगाने में जुटे है।
जिन ठेकेदारों की भुगतान वाली फाइलों को रोका गया है अब उन्होंने ही नगर निगम आयुक्त को अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ की शिकायत की है। ठेकेदारों का आरोप है कि ठीक इसी तरह की अन्य फाइलों को अपर आयुक्त ने मंजूरी दी है लेकिन कुछ मामलों को जानबूझकर रोक लिया गया।
स्वच्छता सर्वेक्षण से संबंधित तीन टेंडर की भुगतान संबंधी फाइलों को रोके जाने के बाद नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ के अधिकार ही कम कर डाले है। दूसरी तरफ ठेकेदारों ने भी अपर आयुक्त धाकड़ पर कई तरह के आरोप लगाए है। इससे पहले भी नगर निगम बिल्डर एसोसिएशन के सदस्य अपर आयुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की तैयारी कर चुके थे। उस वक्त भी बिल्डर एसोसिएशन दो खेमों में बंट गई थी।
अब जबकि नगर निगम आयुक्त ने ही सीधे अपर आयुक्त धाकड़ के अधिकारों में कटौती कर दी है ठेकेदारों को उन पर हमलावर होने का नया अवसर मिल गया है। अब निगम ठेकेदारों ने अपर आयुक्त वित्त गणेश धाकड़ के विरूद्ध् 5 ऐसे प्रकरणों की जानकारी आयुक्त क्षितिज सिंघल को दी है जिनमें टेंडर राशि से मूल लागत कई गुना बढ़ गई लेकिन उनके भुगतान पर कोई आपत्ति नहीं ली गई।
वो भुगतान गलत तो ये क्या है
- स्वच्छ भारत मिशन में थ्री डी पेंटिंग के कार्य की मूल स्वीकृति 20 लाख की थी। कार्य 47 लाख रूपए का हुआ। लागत दो गुना हो गई, इस वजह से यह फाईल 27 मई 2021 से वित्त विभाग में लंबित है।
- इसके ठीक विपरीत वार्ड क्रमांक 45 में स्पीड ब्रेकर बनाने के कार्य की मूल लागत 2 लाख रूपए थी। ठेकेदार सिंह कंस्ट्रक्शन का टेंडर रिवाईज होकर 15 लाख 23 हजार 566 रूपए का हो गया। टेंडर से लागत 7 गुना बढ़ गई लेकिन अपर आयुक्त वित्त ने इस पर कोई आपत्ति नहीं ली और भुगतान आसानी से हो गया।
- स्वच्छभारत मिशन के तहत जोन 2 में शौचालय संधारण की निविदा आयुक्त के निर्देश पर 7 दिन की जारी हुई थी। इसकी ठेकेदार मेसर्स अग्रवाल इंटरप्राइजेस फर्म है। इस फर्म का बिल 13 मई 2021 से वित्त विभाग में लंबित है।
- इसके विपरीत जोन क्रमांक6 में शौचालय रिपेयरिंग की निविदा 9 दिनों की थी। नवंबर 2020 में यह टेंडर हुआ और 30 अप्रैल को ऑडिट से इस टेंडर के भुगतान की फाईल पारित भी हो गई।
- एसबीएम सौंदर्यीकरण की निविदा 6 दिन की थी। इस कार्य के भुगतान की ठेकेदार अरविंद यादव के भुगतान की फाईल 24 मई 2021 से लेखाधिकारी के पास लंबित है।
- इसके विपरीत हरसिद्धी माता मंदिर स्थित चौराहा पर मूत्रालय संधारण का टेंडर 9 दिन का था, इस पर कोई आपत्ति नहीं आई और 28 मई 2021 को इसका भुगतान भी हो गया। जोन 3 में रिपेयरिंग का एक टेंडर 9 दिन का था, वार्ड 40 में ब्लॉक लगाने का एक टेंडर 6 दिन का था। इन पर अपर आयुक्त वित्त ने किसी तरह की आपत्ति नहीं ली और दोनों की ही फाइलें ऑडिट से पारित हुई।
(जैसा ठेकेदारों ने नगर निगम आयुक्तको दिए आवेदन में उल्लेख किया।)
आने से पहले के मुद्दे गिनाएं
- मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि मेरे विरूद्ध किन लोगों ने शिकायत की है। यह तय है कि मैंने अपने कार्यकाल में कुछ भी नियम विरूद्ध नहीं किया है। शिकायत में कुछ ऐसे टेंडर की जानकारी डाल दी गई है जिनका ऑडिट मेरे नगर निगम आने से पहले ही हो चुका था।
- पद के अनुरूप मेरी अपनी कुछ मर्यादाएं है, इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन जिन्हें शिकायतें है वे जांच कराने के लिए स्वतंत्र है। जिन शार्ट नोटिस टेंडर्स को मेरे द्वारा स्वीकृत किए जाने की बात कहीं जा रही है उनमें कुछ गलत नहीं था। इसी वजह से तो उन फाइलों पर ऑडिट की भी कोई आपत्ति नहीं आई। इनमें से कुछ फाइलों में आयुक्त महोदय की लिखित स्वीकृति थी।
- मैंने किसी ठेकेदार की फाईल कभी नहीं रोकी, केवल उनसे फाइलों की जरूरी पूर्ति करने को कहा था। जरूरी पूर्ति हो जाती तो मैं किसी फाइल को आखिर क्यों रोकता। शासन ने निविदा स्वीकृति और भुगतान के लिए जो नियम तय किए है, उसी के अनुरूप मेरे निर्णय लिए है।
-(जैसा अपर आयुक्तवित्त गणेश कुमार धाकड़ ने बताया)