आतिशबाजी न कर दे कोरोना विस्फोट..!

कोरोना काल में सरकार ने आतिशबाजी को नियंत्रित करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। ताकि आबोहवा ज्यादा प्रदूषित न हों और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसके लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भी गाइड लाइन जारी की थी। गाइड लाइन के तहत शहर में सिर्फ ग्रीन पटाखे चलाए जा सकते थे और वो भी दो घंटे रात ८ से 10 बजे तक। लेकिन यह सरकारी आदेश सिर्फ कागजी साबित हुआ। ग्रीन पटाखे कहीं नहीं दिखे, चारों ओर कानफोड़ू प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का शोर था। लोगों ने समय की बंदिश का ध्यान भी नहीं रखा और जमकर प्रदूषण फैलाया। नतीजतन सांस से संबंधित रोगियों की मुसीबत बढ़ गई। सांस संंबंधी रोगों की परेशानी बढऩे के साथ ही कोरोना संक्रमण भी पनपता है और नतीजे घातक होते हैं। जिस तरह दिल्ली में कोरोना का दूसरा दौर शुरू हुआ है, वैसा ही दौर देश के अन्य हिस्सों में आने की चेतावनी जानकार दे चुके हैं। शहर में फिलहाल कोरोना नियंत्रित है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है। लेकिन दीपावली पर जिस तरह आतिशबाजी हुई है इससे शहर की हवा खराब हुई है। यह माहौल कहीं कोरोना विस्फोट में सहायक साबित न हो जाए।

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