1100 रुपए प्रति सिक्के के हिसाब से 26400 रुपए के नदारद
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में काउंटर से सिक्के चोरी हो जाने की खबर प्रकाश में आई है। मंदिर परिसर हाईटेक सीसीटीवी से लैस होने के बावजूद काउंटर से सिक्के चोरी हो जाना कहीं ना कहीं मंदिर के अंदर के लोगों की ही कारस्तानी नजर आ रही है। हालांकि जनता कफ्र्यू के दौरान कलेक्टर ने किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस प्रकार से चोरी हो जाना कहीं ना कहीं व्यवस्था की लापरवाही का नतीजा प्रतीत हो रहा है। वहीं भाजपा नेता ने नियमित दर्शन करने आने वाली महिलाओं को प्रवेश को लेकर जोरदार हंगामा मचाया।
मंदिर परिसर स्थित काउंटर नंबर-2 में रखे 1100 रुपए कीमत के 24 चांदी के सिक्के चोरी होना सामने आया है। बताया जाता है कि काउंटर में यह सिक्के मंदिर के लॉकडाउन होने के दौरान से ही रखे हुए थे। यह भी जानकारी सामने आई है कि इन सिक्कों को नियमानुसार कोठार में जमा करवाए जाने थे, लेकिन इसमें काउंटरकर्मियों द्वारा लापरवाही बरती गई। कोठार शाखा प्रभारी द्वारा भी रजिस्टर में इनका सत्यापन नहीं किया गया। इस तरह से 26 हजार 400 रुपए के चांदी के सिक्के चोरी हो जाने से मंदिर में हडक़ंप का माहौल है।
हालांकि मामले को किसी के द्वारा उजागर नहीं किया गया है, लेकिन यह खबर छनकर सामने आई है। इस काउंटर पर सुबह से दोपहर 2 बजे तक विमला राठौर और दोपहर 2 से 8 बजे तक जेआर आर्य की ड्यूटी चल रही है।
कोठार शाखा की गलती
कोठार शाखा द्वारा नियम अनुसार चांदी के सिक्के काउंटर कर्मियों द्वारा जमा नहीं करने पर उनके नाम का आदेश निकाल कर सिक्के जमा करवाने को कहना था। लेकिन जनता कफ्र्यू की मस्ती में चूर कोठार शाखा प्रभारी द्वारा नियमित रूप से शाखा कार्यालय नहीं आकर अवकाश मनाया गया। जिसका नतीजा सिक्के चोरी के रूप में सामने आया है। बताया जाता है कि मंदिर खुलने के एक दिन पहले रविवार को मंदिर प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी प्रशासनिक कार्यालय पहुंचे तो उनको एक भी कर्मचारी कार्यालय में नहीं मिला। लिहाजा सहायक प्रशासक द्वारा इन कर्मचारियों को नोटिस देने की तैयारी की जाने लगी लेकिन स्थापना शाखा प्रभारी द्वारा फेस रीडिर मशीन में उपस्थिति का हवाला देते हुए उनको रोक दिया गया। ऐसे में अनुमान लगाया जाता सकता है कि किस तरह प्रशासनिक कार्यालय और अन्य शाखाओं के कर्मचारी अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं।
लड्डू प्रसाद पैकेट एक दिन पहले जमाए
जानकारी में निकल कर यह भी सामने आया है कि काउंटरकर्मियों ने जब काउंटर शनिवार को खोला था तो यहां पर सभी सिक्के सलामत रखे हुए थे। लेकिन सोमवार को काउंटर खोलने के बाद यह सभी सिक्के काउंटर से नदारद मिले। जानकारी में तो यह भी आया है कि एक-एक चाबी काउंटर की दोनों काउंटरकर्मियों के पास तो एक चाबी कंट्रोल रूम में जमा रहती है।
मंदिर खुलने के एक दिन पहले रविवार की शाम को काउंटर में लड्डू प्रसाद जमाए गए थे। काउंटर का लॉकर खुला होने के कारण किसी ने इसका फायदा तो नहीं उठा लिया। लेकिन सवाल इस बात का उठता है कि मंदिर में लॉकडाउन के दौरान सिक्के रखने की क्या आवश्यकता आ पड़ी। नियमानुसार इनको कोठार शाखा में जमा कराए जाना थे। कोठार शाखा प्रभारी द्वारा भी इस पर संज्ञान क्यों नहीं लिया गया।
क्यूआर टीम कर्मियों से भिड़ा भाजपा नेता
सोमवार को मंदिर खुलने के बाद केएसएस कंपनी में कार्यरत पुरानी क्यूआर टीम के कर्मी अश्विन और जिलेश का विवाद 4 नंबर गेट पर नियमित श्रद्धालु महिलाओं से हो गया। महिलाएं बेरिकेड्स से होते हुए चार नंबर गेट तक आ गई थीं। इनमें से कई के पास आनलाइन अनुमति होने के कारण इनके साथ दूसरी महिलाएं भी प्रवेश करने की कोशिश करने लगीं।
यह देखकर दोनों क्यूआर टीम सदस्यों ने उनको धकेलना चाहा तो विवाद हो गया। सुबह 6.30 बजे की घटना होने के कारण यहां पर भाजपा (संघ) से जुडा बल्ली काका नाम का जनप्रतिनिधि भी अपने साथियों के साथ पहुंच गया और महिलाओं को धक्का देने पर विवाद करने लगा।
उसका कहना था कि क्यूआर टीम के लोगों को कियोस्क सेंटर के पास ही ड्यूटी करना थी और महिलाओं को रोकना था लेकिन उन्होंने धक्का देने की हिमाकत की। हालांकि बाद में कार्यालय अधीक्षक प्रेम उदैनिया वहां पर पहुंचे और मामले को शांत कराया।