जिस महिला ने रैली पर पत्थर फेंके उसके मकान पर चली जेसीबी

अपराधियों पर अंकुश का पंजा : छह घंटे में चली कार्रवाई, क्षेत्र में भारी फोर्स तैनात

उज्जैन,अग्निपथ। बेगमबाग में जिस महिला ने बच्चों के साथ हिंदूवादी संगठन की रैली पर पथराव किया था शनिवार को उसका मकान तोड़ दिया गया। कार्रवाई के विरोध में समाजजनों के रोड पर आने से कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति बन गई। लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की सूझबूझ एवं भारी फोर्स की तैनाती से हालात जल्दी-ही काबू में आ गए।

राममंदिर निर्माण के संबंध में आयोजित बैठक में शामिल होने भारतमाता मंदिर जा रहे महानगरीय विद्यार्थियों की वाहन रैली पर शुक्रवार को बेगमबाग में पथराव कर दिया गया था। घटना के वीडियो फुटेज में यास्मीन पति मुन्ना अन्य महिला व बच्चों के साथ पत्थर फेंकती दिखी थी। अपराधियों पर अंकुश की चल रही कार्रवाई के तहत प्रशासन ने यास्मीन का अवैध मकान तोडऩा तय किया।

शनिवार दोपहर एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, एएसपी अमरेंद्र सिंह भारी अमले व नगर निगम गैंग के साथ बेगमबाग क्षेत्र पहुंचे। यहां गैंग ने करीब एक बजे कार्रवाई शुरू की और यास्मीन का सामान बाहर फैंक उसके मकान पर हथोड़े चला दिए। कार्रवाई का समाज के अब्दुल शाकिर आदि विरोध करने लगे। असर नहीं होता देख उसने बड़ी संख्या में पुरुष व महिलाओं को एकत्रित कर धरना दे दिया।

सूचना मिलते ही करीब दो बजे कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ला मौके पर पहुंचे। शहरकाजी खलीकउर्र रहमान भी पहुंच गए। वह भी कार्रवाई रुकवाने के लिए अड़ गए। स्थिति तनावपूर्ण होते देख कलेक्टर ने समझा-बुझाकर पहले धरना खत्म करवाया और फिर भारी फोर्स बुलवाकर चार बजे मकान पर जेसीबी चलवा दी। हालांकि निगम गैंग को फिर हथोड़े व हैमर चलाकर मकान तोडऩा पड़ा। शाम को पूरी लाइन तोडऩे की अफवाह उड़ गई, जिसके कारण लोग दहशत में आ गए थे।

दो प्रकरण, 40 पर केस, महिला सहित एक दर्जन गिरफ्त में

पथराव में पहले पांच युवकों के घायल होने और कार,ऑटो बाइक सहित आधा दर्जन वाहन क्षतिग्रस्त होना सामने आया था। रात में पता चला कि छह कार्यकर्ता जिला अस्पताल व पांच निजी अस्पताल में भी भर्ती है। तीन मामूली चोंट आने पर घर चले गए। बाद में घायलों ने थाने पहुंचकर 11 नामजदों के साथ करीब 30 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ जानलेवा हमला, पथराव, बलवा करने के दो केस दर्ज कराए। महाकाल पुलिस ने शनिवार तडक़े तक यास्मीन सहित 10 आरोपियों को गिरफ्त में ले लिया।

निगम ने लापरवाही की, पुलिस ने चूक

मकान तोडऩे के दौरान तनाव के लिए निगम अधिकारी जिम्मेदार हैं। गैंग ने पहले आरोपी का सामान फेंक दिया फिर अपर्याप्त संसाधन से धीरे-धीरे मकान तोड़ते रहे, जिससे समाजजनों को एकत्रित होने का मौका मिल गया। दूसरी गलती पुलिस अधिकारी ने की, जो गलियों में भीड़ जमा होने को अनदेखा करते रहे और आक्रोशितों को संतुष्ट करने के लिए यास्मीन के मकान ले गए। जहां तोडफ़ोड़ के दौरान नालियों में गिरे घरेलु सामान ने आग में घी का काम किया।

एडीएम की घुडक़ी से बंधी घिग्गी

कार्रवाई के विरोध की आड़ में अब्दुल शाकिर साथियों के साथ भीड़ इक्कठा करने के नाम पर धमकाने का प्रयास कर रहा था तब पुलिस अधिकारी जरूर बैकफुट पर आए। उनकी ओर से केस दर्ज करने की मांग मानने के साथ मौके पर भी ले जाने को तैयार हो गए, लेकिन एडीएम सूर्यवंशी ने कार्रवाई रोकने से इंकार कर दिया। यहीं नहीं उन्होंने धरने पर बैठने पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेफ्टी किट पहनी और कार्रवाई की चेतावनी तक दे दी।

टीआई की सूझबूझ से टला हंगामा

बेगमबाग में धरने के दौरान ही गरीब नवाज कॉलोनी से भी बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होकर आने की सूचना मिली। भीड़ के आने से हंगामा तय होने के कारण टीआई रवींद्र यादव ने पहले मातहतों को हरिफाटक ब्रिज पर ही भीड़ को रोकने का कहा। मात्र चार पुलिसकर्मियों से स्थिति नहीं संभलने का पता चलते ही वह खुद कुछ पुलिसकर्मियों के साथ गरीब नवाज कॉलोनी पहुंचे और लोगों को समझाकर आने से रोककर स्थिति को काबू में किया।

कलेक्टर की दो टूक

स्थिति बिगडऩे पर कलेक्टर सिंह व एसपी मौके पर पहुंचे। उन्हें देख धरने की अगुआई कर रहे नेता कार्रवाई नहीं रोकने पर धमकी पर उतारू हो गए। इस पर सिंह ने स्पष्ट शब्दों में धरना खत्म होने तक बात से इंकार कर दिया। बाद में शहर काजी ने भी पहुंचते ही कार्रवाई नहीं रोकने पर 15 मिनट में शहर की फिजां खराब होने की धमकी दी तो सिंह ने उन्हें 10 मिनट में धरना खत्म नहीं होने पर सतत कार्रवाई की चेतावनी दे दी। हालांकि सिंह ने कुछ देर के लिए काम रुकवाकर धरना खत्म करवा दिया।

फोन आया तो हुई फिर शुरू हुई कार्रवाई

तनाव के बाद कार्रवाई रुकवाने की सूचना हिंदूवादी संगठन के आला पदाधिकारियों को मिल गई। नतीजतन उन्होंने प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी को फोन कॉल कर किसी भी हालत में मकान तोडऩे का कहा। निर्देश मिलते ही तुरंत जिले से बाहर का फोर्स भी बुलवाया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने पर नगर निगम से अन्य दलों को जेसीबी लेकर तलब किया और कार्रवाई फिर शुरू कर दी।

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