शासकीय जमीन पर फिर कब्जे की साजिश, प्रशासन ने की कार्रवाई

उज्जैन, अग्निपथ। उद्योग के नाम से वर्षों से कब्जाई करोड़ों रुपए की जमीन सरकारी अधिपत्य में आने के बाद फिर कब्जाने की साजिश रची जा रही है। मामला सामने आने पर शुक्रवार को तहसीलदार अभिषेक शर्मा ने मौके पर जाकर पंचनामा बना दिया।

आगर रोड मुख्य मार्ग स्थिति नरेश जिनिंग फैक्टरी बंद होने पर भी इंदौर निवासी छगनलाल पिता पांचूमल ने जमीन पर कब्जा कर रखा था। करीब 400 करोड़ रुपए की 4.9 हैक्टेयर जमीन पर जबरिया कब्जा देख एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने 11 जनवरी को कार्रवाई की थी।

बेशकीमती जमीन पर सरकारी अधिपत्य का बोर्ड लगते देख भूमाफिया ने कब्जा बनाए रखने की योजना बना ली। इसके चलते उद्योग चालू होना दर्शाते हुए राजस्व मंडल ग्वालियर से स्टे ले लिया। दिखावे के लिए बंद पड़ी फैक्टरी में काटन मंगवाकर ढेर लगा दिया। सरकारी घोषित जमीन पर पुन: कब्जे के प्रयास का पता चलते ही तहसीलदार शर्मा शुक्रवार दोपहर मौके पर पहुंचे और पंचनामा बना दिया। याद रहे दशकों पूर्व तात्कालीक शासन ने जमीन उद्योग संचालन की शर्त पर दी थी। उद्योग बंद होने पर भी छगनलाल अरबों रुपए की जमीन छोडऩा नहीं चाहते। सूत्रों का दावा है कि जमीन रिक्त करवाने के लिए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है।

जमीन रिक्त की तैयारियों पर

भूमाफियाओं के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के चलते कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश के चलते एडीएम ने वर्षों पूर्व बंद हो चूकी फैक्टरी कीजमीन सरकारी घोषित की थी। प्रशासन द्वारा जमीन रिक्त करवाने की तैयारी देख फैक्टरी मालिक ने कब्जे को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया। असर नहीं होने पर नई चाल चल दी। याद रहे कार्रवाई की मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी सराहना करके गए थे।

इनका कहना है..

सूचना मिली थी कि जमीन पर कब्जे के लिए काटन की गठानें रख फिर नई गतिविधि हो रही है। मौके पर जाकर पंचनामा बना दिया है। -अभिषेक शर्मा, तहसीलदार

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