24 घंटे में पुजारी प्रतिनिधि पर कार्रवाई नहीं हुई तो साधु-संत महाकाल में रमाएंगे धुनी

शांतिपूर्ण धरने की चेतावनी, योगी आदित्यनाथ और बालक नाथ ने भी लिया संज्ञान

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में गर्भगृह में दर्शन के दौरान उज्जैन के ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के महंत महावीर नाथ महाराज से विवाद करने वाले महाकाल मंदिर के पुजारी प्रतिनिधि महेश शर्मा पर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई नहीं की गई तो सैकड़ों साधु-संत, महंत एवं महामंडलेश्वर महाकाल मंदिर में एकत्रित होकर धुनी रमाएंगे तथा शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के महंत महावीर नाथ ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एवं राजस्थान के तिजारा से विधायक संत बालकनाथ जी महाराज ने भी उज्जैन स्थित नाथ संप्रदाय के मुख्य स्थल भर्तृहरि गुफा के गादीपति योगी पीर महंत रामनाथ जी महाराज से चर्चा कर संज्ञान लिया है।

उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। चूंकि महंत महावीर नाथ भी महाराज भी नाथ संप्रदाय से हैं, इसलिए संप्रदाय के शीर्ष संतों ने मप्र के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से भी जानकारी प्राप्त की है।

नाथ संप्रदाय के संत पगड़ी नहीं पहनते, वस्त्र से जटा बांधते हैं

ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के महंत महावीर नाथ जी महाराज ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पगड़ी पहनकर जाने पर प्रतिबंध होने या इस तरह का कोई नियम होने की बात पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि नाथ संप्रदाय के संत-महंत पगड़ी पहनते ही नहीं है। उनकी तो बड़ी-बड़ी व लंबी जटाए होती है जिन्हें छोटे दुपट्टे से बांधा जाता है जो कि परंपरा का हिस्सा है।

गर्भगृह में प्रवेश देने न देने का अधिकार कलेक्टर को, पुजारी प्रतिनिधि कौन

महंत महावीर नाथ जी ने यह भी कहा कि मंदिर के गर्भगृह में किसे प्रवेश देना है किसे नहीं इसका अधिकार कलेक्टर को है। वर्तमान में जो भी संत-महंत या अन्य कोई भी व्यक्ति मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाते हैं तो शासन-प्रशासन के संज्ञान में लाकर एवं उनकी अनुमति से ही जाते है। बिना अनुमति के कोई भी गर्भगृह प्रवेश नहीं कर सकता है।

दूसरा सवाल यह भी है कि पुजारी प्रतिनिधि किसी भी संत-महंत से यह पूछने वाले कौन होते हैं कि आप अंदर कैसे आए। मंदिर में 16 पुजारी है। आज तक किसी भी पुजारी ने इसे लेकर कोई विवाद नहीं किया। केवल एक ही पुजारी प्रतिनिधि महेश शर्मा है जो आए दिन सबसे विवाद करते हैं। यह पूर्व में कई साधु-संतों व यहां तक कि मंदिर के एक अन्य पुजारी प्रतिनिधि से भी लड़ चुके हैं।

पुजारियान समिति ने महंत पर प्रतिबंध की मांग की, मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचे

इधर मामले को लेकर महाकाल मंदिर के पुजारी प्रतिनिधि महेश शर्मा ने पुजारियान समिति के माध्यम से महंत महावीर नाथ पर मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसे लेकर पुजारी प्रतिनिधि सहित कई लोग गुरुवार को उज्जैन स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय भी पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।पुजारियों ने आरोप लगाया कि महंत ने मंदिर के पुजारी को धक्का देकर गिराया, मंदिर की मर्यादा भंग की और अशोभनीय व्यवहार किया।

पुजारियान समिति ने ज्ञापन में कहा कि महंत महावीर नाथ ने गर्भगृह और नंदी हाल में नियमों और मर्यादाओं का उल्लंघन किया। पुजारी प्रतिनिधि शर्मा ने आरोप लगाया कि महावीर नाथ ने दो-तीन लोगों के साथ बिना अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश किया। उस समय वे स्वयं और पुरोहित नीरज शर्मा सहित मंदिर के कर्मचारी व गर्भगृह निरीक्षक भी मौजूद थे।

साधु-संतों ने उज्जैन स्थित मुख्यमंत्री के कार्यालय जाकर ज्ञापन सौंपा

नाथ संप्रदाय सहित शहर के कई साधु-संतों ने गुरुवार को उज्जैन में दशहरा मैदान के समीप स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में जाकर महाकाल के पुजारी प्रतिनिधि महेश शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सोपा। ज्ञापन के माध्यम से संतों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पुजारी प्रतिनिधि के द्वारा एक संत के प्रति इस तरह का अव्यवहार अशोभनीय है। संत समाज इसकी निंदा करता है तथा शर्मा पर सख्त कार्रवाई की मांग करता है।

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