शकैब बाग के सारे मकान खाली जमीन समतल करने में जुटी पोकलेन

उज्जैन, अग्निपथ। बेगमबाग क्षेत्र में (शकैब बाग) महाराजवाड़ा स्कूल परिसर से लगी जमींन को पूरी तरह से समतल करने की मुहीम शनिवार दोपहर 2 बजे से शुरू कर दी गई है। शकैब बाग के सारे ही मकान खाली करवा लिए गए है। स्कूल की तरफ से प्रशासन ने पोकलेन मशीन लगाकर जमींन को समतल करने का काम शुरू कर दिया। शनिवार शाम तक जमींन का बड़ा हिस्सा मलबे में बदल दिया गया था।

शकैब बाग में मकानों को खाली कराने की प्रक्रिया पिछले 8 दिन से जारी है। यहां रहने वाले परिवारों के लिए प्रशासन ने शनिवार दोपहर 2 बजे तक की अंतिम समय सीमा तय की थी। इस समय सीमा के बाद इलाके में बड़ी संख्या में फोर्स तैनातकर मकानों को गिराने का काम शुरू कर दिया गया। क्षेत्र की 1.6 हेक्टेयर जमींन पर रहने वाले ज्यादातर लोग अपने मकान छोडऩे के लिए पहले ही राजी भी हो चुके थे।

शनिवार दोपहर तक महाकालेश्वर मंदिर समिति के खाते से 123 परिवारों को 3-3 लाख रूपए की अनुगृह राशि दी जा चुकी थी। प्रशासन ने अंमित रूप से यहां 138 परिवारों को अनुगृह राशि के लिए पात्र माना है। मकानों की तुड़ाई शुरू हुई तो शेष बचे 15 परिवारों में से भी 14 परिवारों ने महाराजवाड़ा स्कूल परिसर में लगे कैंप में पहुंचकर जमींन छोडऩे और अनुगृह राशि लेने की रजामंदी दे दी।

छावनी में तब्दील किया इलाका

शकैब बाग में मकानों को हटाने का काम शुरू करने से पहले पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। यहां 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए। एएसपी शहर अमरेंद्र सिंह और सीएसपी कोतवाली पल्लवी शुक्ला की अगुवाई में यहां 6 से ज्यादा टीआई तैनात थे। बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की वजह से पूरे दिन न किसी तरह का विवाद हुआ, न ही कोई विरोध करने उतरा।

अस्पताल के बाहर छोड़ गई एंबुलेंस

शकैब बाग में 70 साल उम्र की महिला नसीम बानो अपने तीन बेटो के 9 सदस्यीय परिवार के साथ रहती थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने मकान खाली करने के एवज में इस परिवार को 3 लाख रुपए अनुगृह राशि देने का प्रस्ताव दिया। परिवार मकान छोडऩे के लिए राजी नहीं हुआ। ये लोग कहते रहे, एक मकान में हमारे तीन परिवार रहते है। तीनों को अलग-अलग मुआवजा दिया जाए। नसीम बानो लकवाग्रस्त है, उन्हें और भी कई बीमारियां है।

एएसपी अमरेंद्र सिंह और एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने इस परिवार को समझा-बुझाकर मकान खाली कराने की कोशिश की। परिवार मानने को तैयार नहीं हुआ तो फोर्स लगाकर मकान से सामान बाहर निकलवाया। बीमार महिला नसीम बानो के लिए एंबुलेंस बुलवाई गई। उन्हें बेटे अब्दुल रहमान के साथ एंबुलेंस में बैठाया और जिला अस्पताल भिजवा दिया। एंबुलेंस भी उन्हें अस्पताल के बाहर ही छोडक़र चली गई। 2 घंटे तक यह महिला अस्पताल के बाहर बैठी रही फिर बेटे के साथ ऑटो रिक्शा में बैठकर वापस बेगमबाग लौट गई।

इनका कहना

123 मकानों के लिए भुगतान हो चुका है, जो शेष 15 रहे थे उनके भी दस्तावेज मिल गए है। अब यहां ऐसा कोई मकान शेष नहीं बचा है जिसके लिए अनुगृह राशि स्वीकृत नहीं की गई है। सारे मकानों का कब्जा लेकर तुड़ाई शुरू करवा दी गई है। दो या तीन दिन में जमींन समतलीकरण का काम पूरा हो जाएगा। – संजीव साहू, एसडीएम

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