उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना का खौफ अभी बरकरार है। तीसरी लहर का डर लगातार राज्य और केंद्र की सरकार, जिले के प्रशासन को परेशान किए हुए है। इसके बावजूद लोग लापरवाह हो चले है। भीड़ के आगे सिस्टम पंगु बन बैठा है।
उज्जैन में जिला प्रशासन के समान आदेश के दो रूप सामने आए है। 10 जुलाई को शनिश्चरी अमावस्या होने के कारण शिप्रा के किसी भी घाट पर श्रद्धालु स्नान नहीं कर पाएंगे, ऐसा प्रतिबंध जिला प्रशासन ने जारी किया है। इसके ठीक उलट बुधवार को शिप्रा के तट पर ही कार्तिक मेला मैदान में मवेशियों का हाट लगा। हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। न नगर निगम कर्मचारी कुछ कर सके न पुलिस कुछ करने पहुंच सकी।
भीड़ के कारण बंद करेंगे घाट पर स्नान
10 जुलाई को शनिश्चरी अमावस्या के पर्व पर त्रिवेणी घाट पर आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। 9 जुलाई से ही घाट पर आम लोगों की आवाजाही रोक दी जाएगी। 9 से 11 जुलाई के बीच शिप्रा नदी के किसी भी घाट पर स्नान करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जारी आदेश के तहत कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ धारा 188 और महामारी नियंत्रण कानून के तहत अपराध दर्ज करने की चेतावनी दी गई है।
इधर मवेशियों की खरीदी के लिए खुला मैदान
कार्तिक मेला मैदान पर बुधवार की दोपहर खूब भीड़ जुट गई। बुधवार को लगने वाले मवेशियों के इस हाट को केवल बकरे-बकरियों का हाट कहेंगे तो ज्यादा मुफीद होगा। अमूमन बाजार में यदि किसी दुकान पर सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो तो नगर निगम की गैंग रसीद काटने पहुंच जाती है। यहां तो हजारों लोगों का हाट जुटा था, एक भी नगर निगम कर्मचारी पूरे दिन यहां नहीं पहुंचा। कार्तिक मेला मैदान महाकाल थाना क्षेत्र का हिस्सा है। सोशल डिस्टेसिंग और कलेक्टर के आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस की भी है। यहां बकायदा पुलिस का प्वाइंट भी लगा था लेकिन हाट जारी रहा। फर्क सिर्फ इतना था कि यहां हर बार की तरह रसीदें नहीं काटी गई।