उज्जैन,अग्निपथ। शहर में बुधवार को दो थानों में ठगी के मामले सामने आए हैं। एक घटना देवास के युवक के साथ हुई,उसे रिश्तेदार ने ही बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर 4.50 लाख की चपत लगा दी। दूसरा शिकार ब्राह्मण गली का व्यक्ति हुआ है। उसे कॉलोनाइजर ने नगर निगम में बंधक रखा प्लाट बेच दिया। खास बात यह है कि एक प्रकरण का आरोपी जेल में है तो दूसरे मामले के दो आरोपियों की मौत हो चुकी है।
मामला 1: निर्माण करने लगे तो खुली पोल
ब्राह्मण गली निवासी रघुनाथ पिता भगवान (70) ने शास्त्रीनगर निवासी कमलकिशोर पिता कचरुलाल प्रजापत, उसके भाई सुरेश निवासी तृप्ति विहार व पांच अन्य परिजनों के खिलाफ कोतवाली थाने में ठगी का केस दर्ज कराया है। रघुनाथ का आरोप है कि कॉलोनाइजर परिवार प्रजापत ने उन्हें गोयलाखुर्द में सांवरिया परिसर नाम से बनाई कॉलोनी में सस्ते दाम पर प्लॉट का झांसा देकर फांसा।
उन्होंने 4.50 लाख रुपए में दो प्लॉट खरीदे। कुछ समय पूर्व जब निर्माण शुरू किया तो पता चला प्लॉट नगर निगम में बंधक है। नतीजतन रघुनाथ ने एसपी से शिकायत की। उनके आदेश पर कोतवाली टीआई महेंद्र मकाश्रे ने ठगी का केस दर्ज कर बताया कि मामले में सात लोग शामिल थे। दो की मौत हो चुकी है। एक कांग्रेस के नेता की भी भूमिका सामने आई है। जल्द ही जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे।
मामला 2 : ससुराल में खाया धोखा
मक्सीरोड स्थित विजयागंज मंडी निवासी हरिओम पिता सुरेशचंद्र (25) बेरोजगार है। फरवरी 2019 में ससुराल पक्ष से रिश्तेदार पंकज पिता अंबाराम गेहलोद ने 4.50 लाख रुपए देने पर बैंक में चपरासी के पद पर नौकरी लगवाने का कहां। भरोसे में हरिओम ने उसे रुपए दे दिए। राशि देने के बाद भी नौकरी नही लगने पर हरिओम ने खोजबीन की। पता चला पंकज दुष्कर्म के केस में राजगढ़ जेल में है। नतीजतन ठगी का एहसास होने पर उसने विजयागंज मंडी थाने में शिकायत कर दी।
नागझिरी टीआई जेएस बरडे ने बताया कि घटना क्षेत्र यहां का होने पर विजयागंज पुलिस ने अक्टूबर में मामला भेजा,जांच के बाद पंकज पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गिरफ्तारी लेंगे।