भाई को जेल भेजा, पिता व पत्नी अब भी फरार
उज्जैन,अग्निपथ। आंजना समाजजनों से करोड़ों की ठगी मामले में फरार मुख्य आरोपी ने मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। नानाखेड़ा पुलिस ने उसे तीन दिन के रिमांड पर लिया है। मामले में उसकी पत्नी और पिता की तलाश है। प्रकरण में 9 दिन से रिमांड पर चल रहे आरोपी के वकील भाई को जेल भेज दिया।
मालनवासा स्थित राजीव गांधी नगर के आनंद भटोल, उसकी पत्नी कविता, पिता मांगीलाल व भाई धर्मेंद्र पर 20 जून को नानाखेड़ा पुलिस ने करोड़ों की ठगी कर फरार होने का केस दर्ज किया था। मामले में 3 जुलाई को धर्मेंद्र गिरफ्त में आ गया था। पुलिस उसे 9 दिन के रिमांड पर लेकर शेष को तलाश रही थी।
मंगलवार को धर्मेंद्र को कोर्ट में पेश किया जाना था। इसी दौरान आनंद ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट वीरेंद्र जोशी के समक्ष सरेंडर कर दिया। इस पर पुलिस ने उसे तीन दिन के रिमांड पर ले लिया और धर्मेंद्र को रिमांड अवधि खत्म होने पर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया।
पुलिस को अब मांगीलाल व कविता की तलाश है। बताया जाता भटोल के खिलाफ करीब 15 और शिकायतें मिली है। जिसमें भी जांच के बाद केस दर्ज हो सकते हैं।
हर सप्ताह 20 फीसदी कमाई का झांसा
सर्वविदित है बसंत विहार निवासी भाजयुमो नेता मनीष आंजना, उसके चचेरे भाई अमन व रिश्तेदार ओमप्रकाश का आरोप है कि आनंद ने व्यापारी क्रेडिट के माध्यम से प्रति सप्ताह 20 फीसदी कमाई की योजना बताई थी। हमने 1.15 करोड़ रुपए ऑन रिकार्ड दिए थे। तीन माह पहले आनंद पत्नी सहित भागा तो धर्मेंद्र ने गुमशुदगी दर्ज कराकर गुमराह करने का प्रयास किया। फिर पिता व भाई रुपए लौटाने का कहते रहे बाद में मुकर गए।
60 करोड़ तक जा सकती है राशि
मनीष का दावा है आनंद ने समाज का होने का फायदा उठाकर इंदौर उज्जैन के 10 गांवों के 100 से अधिक समाजजनों को चपत लगाई। उसे अकाउंट पर 20 करोड़ दिए। वहीं लोगों ने जेवर व जमीने गिरवी रख करीब 40 करोड़ नकद दिए थे। उसके खिलाफ इंदौर के किशनगंज थाने में भी एक दर्जन लोगों ने धोखाधड़ी की शिकायत कर रखी है। मामले में दैनिक अग्निपथ द्वारा 18 जून को मामला उठाने पर पुलिस को केस दर्ज करना पड़ा था।
परिजनों ने दी सफाई
खास बात यह है आनंद के पक्ष में आज मऊ स्थित चौरडिय़ा निवासी उसके मामा गोपाल आंजना आगे आए। बताया किपुलिस रिकार्ड में आनंद पर 9 करोड़ की ठगी का आरोप है, जबकि उसके खाते में 9.52 करोड़ आए और उसने 10 करोड़ से अधिक लौटा दिए। फरियादी उसके भागीदार थे और उन्होंने आनंद के नाम से लोगों से रुपए लेकर हड़प कर झूठा आरोप लगा दिया।