पुलिस और मंदिर कर्मचारियों को खूब सुनाई खरी-खोटी, कलेक्टर कमिश्नर ने किया शासकीय पूजन
उज्जैन, अग्निपथ। शहरभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने अपने गुरु का पाद पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिरों में भी लोग पहुंचकर भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते रहे। वहीं ेकोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने सांदीपनि आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। शनिवार सुबह दर्शन करने आए बाहर के श्रद्धालुओं ने प्रवेश नहीं मिलने पर जमकर हंगामा किया और जिला प्रशासन को खूब खरी-खोटी सुनाई।
आखिरकार पुलिस को किसी तरह से श्रद्धालुओं को वहां से हटाना पड़ा। वहीं महाप्रभुजी की बैठक की संचालिका को कलेक्टर ने गोमती कुंड में बोरिंग का पानी छोडऩे का आदेश दिया है। मुंबई वाली के नाम से मशहूर इसके द्वारा आएदिन मंदिर के पुजारियों से गेट खोलने को लेकर विवाद किया जा रहा है।
गुरु पूर्णिमा पर सांदीपनि आश्रम में विराजे महर्षि सांदीपनि का प्रयागराज से लाया हुआ संगम तीर्थ जल से अभिषेक किया गया। पश्चात आरती की गई। सुबह 10 बजे के लगभग कमिश्नर संदीप यादव, कलेक्टर आशीष सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास, विक्रम विवि कुलपति अखिलेश पांडेय ने महर्षि सांदीपनि का पूजन अर्चन कर शासकीय परंपरा का निर्वहन किया। पश्चात मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया गया और किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी गई। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण और उनके गुरु महर्षि सांदीपनी के दर्शन करने को आते रहे। लेकिन किसी को भी अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
बाहर के श्रद्धालुओं ने किया हंगामा
गुरु पूर्णिमा पर बाहर से आए श्रद्धालु मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला देखकर अचंभित रह गए और उन्होंने वहां पर तैनात पुलिस और गेट पर तैनात कर्मचारियों से विवाद करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि किस बात के लिए मंदिर को बंद रखा गया है। जब उनको कोरोना के चलते मुख्य प्रवेश द्वार बंद रखने की सूचना मिली तो उन्होंने जिला प्रशासन को खूब खरी-खोटी सुनाई और कहा कि केवल मंदिर खुले रहने से ही कोरोना संक्रमण बढ़ेगा। बाकी दूसरी जगह लोगों की इतनी भीड़ हो रही है। उस पर लगाम लगाने की जगह केवल मंदिर को प्रयोगशाला बना दिया गया है।
गोमती कुंड में जल भरने के निर्देश
सांदीपनि आश्रम में पूजन अर्चन के पश्चात कलेक्टर आशीष सिंह को मंदिर के पुजारी पं. रूपम व्यास ने अवगत कराया कि गोमती कुंड का पानी बारिश नहीं होने की वजह से लगातार कम हो रहा है। जिसके चलते मछलियों के मरने की आशंका पैदा हो गई है। साथ ही उन्होंने इस बात की शिकायत भी की कि महाप्रभुजी की बैठक की नई संचालिका मुंबई वाली द्वारा मंदिर के पास का ही गेट खोलने को लेकर विवाद किया जा रहा है। जिस पर कलेक्टर ने अपने अधीनस्थ को संचालिका के पास भेज कर उसको निर्देशित किया कि गोमती कुंड में बोरिंग का पानी शीघ्र छोड़ा जाए और यह प्रक्रिया लगातार दोहराई जाए ताकि गोमती कुंड में पानी का लेवल बना रहे।
वही पंडित श्री व्यास द्वारा बताया गया कि मुंबई से आई नई संचालिका द्वारा मंदिर के पास स्थित गेट को खोलने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि कोर्ट से उनका स्टे समाप्त हो चुका है। इसके बावजूद संचालिका मुंबई वाली द्वारा लगातार विवाद किया जा रहा है। महाप्रभुजी की बैठक का पिछला गेट भी खोलने की इजाजत नहीं है। जिसको खोलकर उनके द्वारा श्रद्धालुओं को आश्रम में प्रवेश कराया जा रहा है।
बताया जाता है कि मुंबई में बैठे विशाल बाबा द्वारा इस नई संचालिका की नियुक्ति की गई है। जिसके चलते आए दिन उसके द्वारा मंदिर के पुजारियों से विवाद किया जा रहा है और महाप्रभुजी की बैठक में स्थापित श्री कृष्ण बलराम और सुदामा की मूर्ति को ही असली मूर्ति बताकर श्रद्धालुओं के साथ छल किया जा रहा है।