उज्जैन, अग्निपथ। गंभीर बांध से शहर तक आई मेन पाईप लाइन में लीकेज को 48 घंटे बाद भी सुधारा नहीं जा सका है। नतीजा पुराने शहर की 9 पानी की टंकिया सोमवार शाम तक खाली ही थी। मंगलवार को शहर में पानी सप्लाय का दिन है लेकिन पुराने शहर में पानी सप्लाय नहीं हो सकेगा।
रामघाट के नजदीक छोटे पुल के पास गंभीर डेम से शहर आ रही मेन पाइप लाइन में शनिवार को लीकेज हुआ था। लीकेज के नजदीक ही रूद्रसागर की सीवरेज लाइन भी है। शिप्रा नदी का पानी भी बढ़ा हुआ है और सीवरेज लाइन भी ओवर फ्लो हो रही है। यहीं वजह रही कि रविवार को पूरा दिन यहां सुधार का काम शुरू नहीं हो सका।
सोमवार सुबह नदी का पानी कुछ उतरा तो 8 जनरेटर पंप लगाकर सीवरेज लाइन का पानी खाली करने की कोशिश की गई। शाम तक भी लीकेज सुधारा नहीं जा सका। इस वजह से पुराने शहर में छत्रीचौक, बुधवारिया, मिर्चीनाला, महेश नगर, वृंदावनपुरा, क्षीरसागर, सुदामा नगर, सांदीपनि नगर और भेरवगढ की पानी की टंकिया खाली रह गई। मंगलवार सुबह इन टंकियो के क्षेत्र में पानी सप्लाय होना था लेकिन अब लीकेज ठीक होने के बाद ही इन टंकियो के इलाकों में पानी सप्लाय हो सकेगा।
वैकल्पिक व्यवस्था से नहीं हुआ काम
पीएचई ने पुराने शहर की टंकियो को गऊघाट प्लांट की लाइन से जोडक़र इन्हें भरने की भी कोशिश की। तेलीवाड़ा पर वर्षो से जमींन में दबे गऊघाट लाइन के वॉल तलाशकर इन्हें चालू किया गया लेकिन इनमें भी लीकेज निकला। इस वजह से गऊघाट लाइन से पुराने शहर की टंकियो को भरने का आईडिया फ्लॉप हो गया। नए शहर यानि फ्रीगंज और आसपास की टंकियो को जरूर गऊघाट प्लांट की लाइन से भर लिया गया था।
गंभीर में 24 घंटे में बढ़ा 87 एमसीएफटी पानी
शहर के मुख्य पेयजल स्त्रोत गंभीर बांध में रविवार और सोमवार के बीच 24 घंटे की अवधि में 87 एमसीएफटी पानी बढ़ गया है। सोमवार सुबह 10 बजे तक गंभीर में पानी का स्तर बढ़ता रहा, इसके बाद थम गया। शाम 5 बजे गंभीर बांध का जलस्तर 475.50 मीटर दर्ज किया गया था। बांध में 291 एमसीएफटी पानी संग्रहित है।
सोमवार रात तक गंभीर के कैचमेंट क्षेत्र में बारिश की वजह से पानी बढ़ता रहा। गंभीर बांध की कुल कैपेसिटी 2250 एमसीएफटी है और यह अब भी 85 प्रतिशत तक खाली है। हालांकि अभी श्रावण महीने की शुरूआत ही है, वर्षाकाल आरंभ हुए ज्यादा दिन नहीं बीते है। पिछले 10 दिन में गंभीर में करीब 150 एमसीएफटी पानी बढ़ा है।