उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर परिसर के विस्तार के लिए उर्दू स्कूल के पास की जमींन खाली कराने के मामले में सोमवार को एडीजे कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रशासन और रहवासी दोनों ही पक्षों को सुना। प्रकरण में अभी किसी तरह का फैसला नहीं हो सका है। 25 अगस्त को फिर से इसी प्रकरण में कोर्ट में सुनवाई होगी।
उर्दू स्कूल के पास बने 13 मकानों की जमीन को जिला प्रशासन स्कूल फील्ड की सरकारी जमीन बता रहा है। जबकि रहवासियों का पक्ष है कि उन्होंने यह जमीन खरीदकर मकान बनाए हंै। नगर निगम से नामांतरण करवाया गया है, भवन अनुमतियां ली गई हैं। तहसीलदार न्यायालय ने किसी भी रहवासी के दस्तावेजों का परीक्षण नहीं किया।
तहसीलदार न्यायालय से बेदखली के आदेश पारित होने के बाद 13 मकानों में रहने वाले परिवारों ने जिला न्यायालय में अपील की थी। एडीजे जितेंद्र सिंह कुशवाह के न्यायालय में इस प्रकरण की सुनवाई हुई। 13 परिवारों की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया है कि मौजूदा 13 मकानों में से 7 तो सर्वे नंबर 2253/1/2 की जमीन पर बने हैं।
इसके अलावा कुछ मकान सर्वे नंबर 2254 की जमीन पर है। जबकि राजस्व विभाग इन सभी मकानों को सर्वे नंबर 2252/1 और 2252/2 पर होना बता रहा है। प्रभावित परिवारों की ओर से कोर्ट से जमीन का दोबारा सीमांकन कराने की अपील की गई।
राजस्व विभाग की ओर से पेश हुए सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया है कि राजस्व अमला पहले ही जमीन का सीमांकन कर चुका है। सीमांकन के बाद ही तहसीलदार न्यायालय से बेदखली के आदेश पारित हुए हैं। न्यायालय में दोनों पक्षों की दलील सुनी गई और इसके बाद प्रकरण को 25 अगस्त तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया। 13 मकानों में से एक फरहान शेख का भी है, फरहान ने अग्निपथ को बताया कि कोर्ट के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी बात कर उनसे जमीन का दोबारा सीमांकन कराने की मांग की गई है।