बिना जांच के कार्यवाही को गलत बताया, निर्दोषों पर कार्यवाही ना करने की मांग की
उज्जैन। मोहरर्म पर हुई घटना को लेकर सोमवार को सुबह ग्यारह बजे मुस्लिम समाज के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र शुक्ल और एडीजी योगेश देशमुख को ज्ञापन सौंपा तथा घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की गई। ज्ञापन के जरिये यह बात भी उठाई गई कि जिस वीडियो के आधार पर पुलिस द्वारा गंभीर अपराध राजद्रोह बनाया गया उक्त वीडियो की फॉरेन्सिक जांच एवं कोई भी कानूनी प्रक्रिया अपनाए बगैर युवकों पर पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया जो न्यायोचित नहीं है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 19 अगस्त को रात करीब 10 बजे के समय वहां मौजूद लोगों द्वारा या हुसैन या हुसैन के नारे लगाये जा रहे थे उसी दौरान शहरकाजी खलीकुर्रहमान भी वहां व्यवस्था देखने आए थे। शहरकाज़ी को देखकर कुछ लोगों ने उनकी आमद पर जोश में काज़ी साहब जिंदाबाद के नारे लगाये जबकि पुलिस विभाग में पदस्थ प्रमोद भदौरिया ने एक असत्य रिपोर्ट षडयंत्रपूर्वक पुलिस थाना जीवाजीगंज में दर्ज कराई जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये जा रहे थे।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि इस प्रकरण में दबाव में आकर कार्यवाही की जा रही है तथा गंभीर धाराओं में पुलिस द्वारा बिना किसी उचित जांच के मुस्लिम युवाओं को झूठे प्रकरण में फंसाया जा रहा है। इस अवसर पर कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष मुजीब कुरैशी, रफीक कुरैशी, अशफान उल्ला, असलम लाला, इकबाल भाई, अय्यूब कुरैशी, हाफिज कुरेशी आदि मौजूद थे। आईटी एक्ट पालन नहीं कर रही पुलिस : ज्ञापन देने के बाद एडवोकेट आशीष तिवारी द्वारा मीडिया के सामने मुस्लिम समाज की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा गया कि बिना आईटी एक्ट के प्रावधान का पालन करते हुए बिना जांच के गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई जो उचित नहीं है। इस तरह की रिपोर्ट और उस पर कार्यवाही के नाम पर निर्दोषों को फंसाया जा रहा है। वीडियो में जो नारा सुनाई दे रहा है वह काजी साहब जिन्दाबाद है लेकिन उसे कुछ और समझा जा रहा है।
वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर यह मांग की गई कि निर्दोषों पर कार्यवाही ना हो,मामले की निष्पक्ष जांच हो और जो लोग वीडियो से प्रमाणित हैं कि उन्होंने अपराध नहीं किया है उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही ना की जाए और लोगों के अधिकारों का हनन किसी राजनीतिक दल के दबाव में आकर ना किया जाए।