उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा एक्सप्रेस और जयपुर-भोपाल ट्रेन एलएचबी रैक से चलेगी पश्चिम रेलवे ने जयपुर से भोपाल के बीच संचालित होने वाली स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन को एल.एच.बी. रैक से चलाने का फैसला किया है। 23 और 24 सितंबर को इस गाड़ी के रैक बदल दिए जाएंगे।
इस गाडी में अब तक 16 कोच होते थे, नए रैक में इनकी संख्या 18 हो जाएगी। ट्रेन में 2 सेकेंड ए.सी., 5 थर्ड ए.सी., 7 स्लीपर व 4 सामान्य श्रेणी के कोच रहेंगे। नए रैक में एक थर्ड ए.सी., 1 सेकेंड ए.सी. कोच की बढोत्तरी की गई है। इसी तरह इंदौर से हावड़ा के बीच संचालित होने वाली शिप्रा एक्सप्रेस को भी एल.एच.बी. रैक से चलाने का निर्णय किया गया है। इस गाड़ी के रैक 2 और 4 अक्टूबर से बदल दिए जाएंगे। शिप्रा एक्सप्रेस में 1 सेकेंड ए.सी., 5 थर्ड ए.सी., 10 स्लीपर व 4 सामान्य श्रेणी के कोच रहेंगे।
जर्मनी की कंपनी लिंक हाफमेन बुश द्वारा डिजाइन किए गए और रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बने एलएचबी कोच की स्टेनलेस स्टील से बने होते है, इस वजह से इनका वजन कम होता है। इन कोच का ब्रेकिंग सिस्टम बेहतर होता है। डिस्क ब्रेक लगा होने की वजह से 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही ट्रेन भी 1200 मीटर दूरी पर रूक जाती है। एलएचबी कोच से चलने वाली ट्रेन का सस्पेंशन ज्यादा बेहतर होता है, ज्यादा शोर भी नहीं होता है।
ट्रेन के कोच को 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जा सकता है। हालांकि अभी इसकी गति केवल 160 किलोमीटर प्रति घंटा ही निर्धारित है। एलएचबी कोच की सबसे बड़ी खासियत यह है कि दुर्घटना के वक्त ट्रेन के कोच सेंटर बफर कॉलिंग सिस्टम की वजह से एक दूसरे पर नहीं चढ़ते है, इससे जनहानि कम से कम होती है। एलएचबी कोच से ट्रेन चलाने में रेलवे को कई सारे फायदे है, एक फायदा यह भी है कि इस कोच के स्लीपर क्लास में आईसीएफ कोच(72) के मुकाबले 8 सीट ज्यादा(80) सीट ओर थर्ड ए.सी. में 64 के मुकाबले 8 सीट ज्यादा (72) सीट होती है।