बैंक अधिकारियों को नोटिस भेजने की तैयारी
उज्जैन,अग्निपथ। नगर निगम की फर्जी अनुज्ञा से मकान बनाने और 30 लाख का लोन करवाने के तीन आरोपियों को चिमनगंज पुलिस ने गिरफ्त में ले लिया। कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें जेल भेज दिया। फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड पूर्व में ही पकड़ा चुका है। पुलिस अब बैंक अधिकारियों को भी इस संबंध में नोटिस जारी कर रही है।
बताया जाता है वर्ष 2020 में गायत्री नगर में 9 मकान निर्माण के लिए प्रेमनारायण विश्वकर्मा ने नगर निगम की फर्जी अनुज्ञा पत्र बनवाया और इसी आधार पर उसने मकान खरीदने वाले 9 लोगों को दलालों की मदद से नानाखेड़ा स्थित नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक से लाखों का लोन भी करवा दिया। पुख्ता प्रमाण मिलने पर दैनिक अग्निपथ ने जून माह में इस फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया।
इसके बाद नगर निगम ने पुलिस को पत्र भेजा, जिसकी जांच कर पुलिस ने केस दर्ज किया और करीब एक सप्ताह पहले विश्वकर्मा को दबोच लिया। उसने कबूला कि फर्जी अनुज्ञा फाजलपुरा में कंप्यूटर सेंटर चलाने वाले हेमंत कुशवाह ने बताया था और लोन ढांचा भवन के मोतीसिंह व संदीप सिसौदिया ने करवाया था। जानकारी के बाद एसआई यादवेंद्र परिहार ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया।
ऐसे हुआ था खुलासा
दैनिक अग्निपथ को फ्रीगंज व गायत्री नगर की बिल्डिंग परमिशन मिली, दोनों अनुज्ञा पर एक ही नंबर होने पर गायत्री नगर में मकान बनवाने वाले विश्वकर्मा को बुलाया तो वह जवाब न दे सका। फर्जी अनुज्ञा का पता चलने पर बिल्डिंग अधिकारी रामबाबू शर्मा ने पुलिस को पत्र लिखा, जिस पर जांच हुई तो पूरा राज खुल गया।
बैंक अधिकारी भी शंका के घेरे में
खास बात यह है बैंंक लोन के मामले में सूक्ष्मता से जांच करती है, लेकिन 9 लोगों को लाखों का लोन देने के प्रकरण में बैंक के जिम्मेदारों ने आंख मूंद ली। मकान अनुज्ञा की सत्यता का पता लगाए बिना दलालों द्वारा पेश दस्तावेजों पर करीब 30 लाख रुपए लोन दे दिया। यही वजह है पुलिस ने लोन लेने वालों को फरियादी बनाया और अब बैंक अधिकारियों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली।
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