उज्जैन,अग्निपथ। बागपुरा में एक माह पहले सामने आए चोरी के मामले में पीडि़त ने माधवनगर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दावा किया है कि न तो एफआईआर में चोरी गए आभूषण की संख्या लिखी और न बताए गए संदिग्धों से पुलिस ने पूछताछ की है।
स्टेट जीएसटी के बाबू राजेंद्र जाटवा के पिता बंद्रीलाल जाटवा ने बताया कि मार्च और अप्रैल माह में उनकी पत्नी व बहू की कोरोना से मौत हो गई थी। गमगीन माहौल के कारण घर का ध्यान नहीं रख सके। इसी बीच कुछ रिश्तेदार घर में लाखों रुपए के सोने-चांदी के जेवरात व 1.75 लाख रुपए उड़ा ले गए। मामले में 10 सितंबर को थाने में शिकायत की।
पुलिस ने 20 सितंबर को एफआईआर लिखी, लेकिन उसमें गहनों के स्थान पर जीरो कर दिया। यहीं नहीं उन्होंने संदेहियों के नाम बताए थे, जिनमें उनकी पोती का भी जिक्र था, लेकिन पुलिस ने संदिग्धों से पूछताछ नहीं की। जबकि वारदात के बाद उनकी पोती ने गाड़ी व जेवरात खरीदे हैं। मामले में टीआई मनीष लौधा ने बताया कि पीडि़त ने जिन लोगों पर शंका जाहिर की उनसे सख्ती से पूछताछ कर ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। वहीं नाम लिखाने का कारण कुछ और सामने आया है।