बदनावर, अग्निपथ। चार जिलों की सीमाओं को जोडऩे वाली बदनावर चौपाटी पर सुविधाघर नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस ज्वलंत समस्या के निराकरण की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। फोरलेन निर्माण के दौरान यहां स्थित सुविधाघर तोड़ दिया गया था, जो 13 साल के इंतजार के बाद भी नहीं बन पाया है।
25 हजार की आबादीा वाले शहर में फोरलेन चौपाटी से बडऩगर रोड व रतलाम रोड पर 500-500 मीटर की दूरी पर बसाहट है, तो पिटगारा की ओर करीब दो किमी दूर तक आबादी क्षेत्र है। ऐसे में वर्ष 2007-08 में लेबड़-नयागांव फोरलेन निर्माण के पूर्व चौपाटी पर पुलिस चौकी, यात्री प्रतीक्षालय तथा सुविधाघर सडक़ चौड़ीकरण के दौरान तोड़ दिया गया।
इसके बाद से यहां अब तक सुविधाघर नहीं बनाया गया। इसके अभाव में यात्रियों समेत नगरवासियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर महिलाओं एवं मरीजों को अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। जैसे ही बसें, कार एवं अन्य वाहन यहां रुकते हैं, तो लोग लघुशंका के लिए इधर-उधर भटकते हैं।
चौपाटी पर दो पेट्रोल पंप हैं, किंतु वहां भी अधिकांश समय ताले लगा दिए जाते हैं, क्योंकि ज्यादा इस्तेमाल के कारण पंप संचालकों को साफ-सफाई कराने में दिक्कतें होती हैं। नगर परिषद को चाहिए कि जब तक चौपाटी पर सुविधाघर न बने, तब तक अपना एक सफाई कर्मचारी चौपाटी स्थित दोनों पेट्रोल पंप पर नियुक्त कर दे और कम से कम महिलाओं के लिए प्रसाधन व्यवस्था अनिवार्य करवा दें।
यात्री भी परेशान
देश की राजधानी दिल्ली, आर्थिक राजधानी मुंबई को जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एवं गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से प्रदेश की राजधानी भोपाल को जोड़ती है बदनावर चौपाटी। यहां से प्रतिदिन करीब 150 से अधिक बसों का आवागमन होता है। यह बसों का प्रमुख जंक्शन कहलाता है जहां से चारों दिशाओं की ओर आने-जाने के लिए वाहन मिलते हैं।
अन्य रूट पर आने-जाने के लिए बसें बदलने के लिए कई यात्री फोरलेन चौपाटी पर ही उतर जाते हैं। इसके अलावा फोरलेन पर ही करीब सात हजार वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। चौराहे स्थित होटलों पर चाय-नाश्ते के लिए रुकने वाले छोटे वाहन के यात्रियों को भी सुविधाघर के अभाव में असुविधा का सामना करना पड़ता है।
ये लोग भी होते हैं परेशान
चौपाटी पर आबादी क्षेत्र के अलावा दो निजी स्कूल हैं, जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्राएं अध्ययन करने आते हैं। बाहर से आने वाले विद्यार्थी भी चौपाटी पर बसों के इंतजार में खड़े रहते हैं, जिन्हें भी सुविधाघर के अभाव में परेशानी झेलनी पड़ती है। यही स्थिति शीतला माता बस स्टैंड व मांगलिया फाटे पर भी बनी रहती है।
सुविधाघर की मांग लंबे अरसे से की जा रही है, किंतु न तो जनप्रतिनिधि और न ही जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दे रहे हैं। इसका खामियाजा बेवजह यात्री व नगरवासी भुगत रहे हैं। बस स्टैंड पर सुलभ काम्प्लेक्स है, लेकिन साफ-सफाई का अभाव है। बस स्टैंड स्थित प्रतीक्षालय में बदबू के कारण बैठना भी दूभर हो जाता है।