उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के साथ भुगतान संबंधी परेशानियों की वजह से बिल्डर एसोसिएशन के सदस्यों ने दीपावली के वक्त से ही नगर निगम के किसी भी टेंडर में भाग नहीं लेने की ठान रखी है। पिछले दिनों नगर निगम ने स्वच्छता मिशन के अंतर्गत दीवारों पर थ्री-डी पेंटिंग का टेंडर निकाला तो शहर के किसी भी ठेकेदार ने इसमें भाग नहीं लिया।
पहला टेंडर खाली गया, दूसरी बार टेंडर निकाला तो ग्वालियर के एक ठेकेदार इसमें शामिल हो गए। उनका टेंडर खुल भी गया। उज्जैन में ग्वालियर वाले की इंट्री ने नगर निगम के सारे ही ठेकेदारों को चौंका कर रख दिया है। नगर निगम को करीब 100 ठेकेदारों के लगभग 70 करोड़ रूपए चुकाना है। खुद आयुक्त अंशुल गुप्ता भी बकाया भुगतान को लेकर गंभीर है, कुछ ठेकेदारों का उन्होंने भुगतान करवाया भी है। बिल्डर एसोसिएशन के सभी सदस्य इस बात पर अड़े हुए हैं कि जब तक नगर निगम से भुगतान की व्यवस्था सुचारू नहीं की जाती तब तक कोई भी ठेकेदार नगर निगम के किसी टेंडर में भाग नहीं लेगा।
नगर निगम अधिकारियों पर इस साल का स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने से पहले शौचालय, नाली रिपेयर, पेंटिंग जैसे काम पूरे करवाने का दबाव है। पहली बार जोनवार सारे कार्यो के टेंडर निकले तो एक भी ठेकेदार इनमें शामिल नहीं हुआ। दूसरी बार के थ्री-डी पेंटिंग के एक टेंडर में ग्वालियर की फर्म ने हिस्सा लिया और उनका टेंडर स्वीकृत भी हो गया। अब नगर निगम के दूसरे स्थानीय ठेकेदार खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।