मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद, बिजली कम्पनी के डीई ने एनएचएआई को लिखा पत्र
सुसनेर, अग्निपथ। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा नेशनल हाइवे 552 जी पर उज्जैन से चवली तक कुल 133 किलोमीटर के मार्ग को टू लेन सडक़ बनाने के लिए 346 करोड़ रुपये की लागत में गुजरात की जीएचवी कम्पनी को टेंडर दिया गया है, किंतु कंपनी के द्वारा लापरवाही पूर्वक कार्य करते हुए शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है, सुसनेर नगरीय क्षेत्र में सडक़ के किनारे नए के स्थान पर पुराने विद्युत पोल और पुरानी केबल लगाने का मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद अब एनएचएआई तक भी पहुंच चुका है। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने इसकी लिखित शिकायत करते हुए इसके रोके जाने की मांग की है।
विद्युत वितरण कंपनी के डिविजनल इंजीनियर विकासकुमार सिंह ने बताया कि पोल शिफ्टिंग के प्रस्ताव अनुसार नए पोल, केबल, कनेेक्टर एव नए डीडीआर लगाए जाना था। 2 करोड़ 95 लाख रुपये की लागत से नया सामान लगाना था लेकिन पुराने उपकरण लगाए जाने की शिकायत के चलते शिफ्टिंग कार्य का अवलोकन किया। इस दौरान को पुराने पोल एवं पुरानी केबल एवं पुराने विद्युत उपकरण लगे हुए दिखे। इसको लेकर एएनआई को डीई विकास कुमार सिंह ने पत्र लिखकर अवगत कराया है। साथ ही विधुत शिफ्टिंग का कार्य अविंलंब बंद करवा दिया गया है।
ये हैं बिजली कम्पनी के नियम
एस्टीमेट के आधार पर जो भी पुराना सामान ठेकेदार द्वारा निकाला जाता है वह बिजली विभाग को सौंपना होता है। जैसे कि ठेकेदार द्वारा दिन भर में दस पोल निकाले गए तो दस ही पोल बिजली विभाग में जमा करना होता है। अगर इस मामले की जांच करवाई जाए तो बिजली कंपनी क्या सामान जिम्मेदारों को दिखाएगी।
इनका कहना
नेशनल हाइवे में पुराने पोल शिफ्टिंग का मामला संज्ञान में आया है, जिला अधिकारी विनोद मालवीय को इस मामले में जांच का आदेश दिया गया है, निष्पक्ष रूप से जांच के आदेश दिए गए है। – बी.एल चौहान, सीई उज्जैन
मेरे द्वारा एनएचआई को पत्र लिखा गया है, 2 करोड़ 95 लाख रुपए का स्टीमेट हमारे द्वारा दिया गया है जिसके अनुसार कार्य नही किया जा रहा है, शिकायत मिलने पर एनएचएआई के पत्र लिखा गया है, व पोल शिफ्टिंग के कार्य को रुकवा दिया गया है, जो पुराना सामान है उसे एनएचआई द्वारा डंप करवाया जाएगा। – विकास कुमार सिंह, डीई, बिजली कम्पनी सुसनेर।