एक महिला आरोपी को 10 वर्ष की सजा
नागदा, अग्निपथ। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने वर्ष 2015 में गैंगरेप की वारदात को अंजाम देने वाले आधा दर्जन आरोपियों को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई। आरोपियों में पांच युवक सहित एक महिला भी शामिल है। मेडिकल कराने के बाद पुलिस ने पांच आरोपियों को खाचरौद एवं एक महिला आरोपी को उज्जैन भेजा।
गैंगरेप के आरोपियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वंदनाराज पाण्डेय ने मंगलवार को को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई। नागदा के पाल्यारोड निवासी एक विवहिता 11 सितंबर 2014 को बस में सवार होकर अपने मायके जा रही थी कि बस में आकाश और गोलु मिले और कहा कि बहन तुम रो मत तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देंगे। इसी दौरान आकाश और गोलु ने अपने तीन अन्य दोस्त कालू, शैलेश और नाना को भी बुला लिया और गजरीबाई के घर ले गए। जहां पांचों आरोपियों ने बारी-बारी से विवाहिता के साथ गैंगरेप किया। नागदा पुलिस ने 20 फरवरी 2015 को आकाश पिता मुकेश खत्री उम्र 28 वर्ष निवासी हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, पीथमपुर, गोलू उर्फ विकास पिता विजय खत्री उम्र 30 वर्ष निवासी शिवाजी मार्ग, देपालपुर, कालू उर्फ विवेक पिता राजू खत्री उम्र 39 वर्ष निवासी मोतीनगर खंडला सागोर, शैलेश उर्फ शैलू पिता राजमल खोड़े उम्र 29 वर्ष निवासी नालछा दरवाजा धार, नाना उर्फ राजेंद्र पिता हरीप्रसाद मालवीय उम्र 41 वर्ष निवासी हरिजन मोहल्ला सागोर, गजरीबाई पति लीमसिंह भिलाला उम्र 50 वर्ष निवासी मोतीनगर सागोर के खिलाफ धारा 366, 368, 376(डी), 372 (एन) (के), 344, 506, 323 में प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया।
मंगलवार को न्यायाधीश ने आकाश, गोलू, कालू, शैलेश, नाना को 20-20 वर्ष कठोर कारावास, 1600 रुपए जुर्माना, गजरीबाई को 10 वर्ष एवं 600 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपियों से 8600 रुपए अर्थदंड की वसूली करके पीडि़ता को प्रदान करने के आदेश दिए। अभियोजन पक्ष कि ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक केशव रघुवंशी ने की। दस्तावेजों की आपूर्ति प्रधान आरक्षक सोमसिंह भदौरिया ने की।