रसीद धारियों को आम श्रद्धालुओं के साथ चार नंबर गेट से कराया जा रहा प्रवेश
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर प्रशासन द्वारा पुजारी पुरोहितों के लिए अलग से काउंटर लगाकर 1500 रुपए के गर्भगृह में प्रवेश रसीद की व्यवस्था की गई है। लेकिन पुजारी पुरोहितों द्वारा प्रोटोकॉल में आम श्रद्धालुओं के लिए लागू की गई व्यवस्था में भी सेंधमारी की जाकर यहां से निर्धारित तीन रसीद के अलावा भी ढेरों रसीद कटवाई जा रही हंै।
मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को बिना पुजारी पुरोहितों के गर्भगृह में दर्शन अभिषेक के लिए 1500 रुपए की अभिषेक रसीद शुरू की गई है। जिसमें 2 श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन कर सकते हैं। इन श्रद्धालुओं को प्रोटोकॉल कार्यालय से रसीद कटवानी पड़ती है।
वहीं पंडे पुजारियों के लिए 4 नंबर गेट के पास बनाए गए कक्ष से 1500 रुपए की अभिषेक रसीद कटवाने की व्यवस्था की गई है। यहां से एक पुजारी पुरोहित को 3 रसीद प्रतिदिन लेने की पात्रता प्रदान की गई है। लेकिन अब पुजारी पुरोहित ज्यादा संख्या में यजमान के आने पर प्रोटोकॉल व्यवस्था के तहत आम श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराई गई व्यवस्था में भी प्रवेश कर व्यवस्था का माखौल उड़ा रहे हैं।
जनरल लॉकर का उपयोग नहीं
आम श्रद्धालुओं का प्रवेश फैसिलिटी सेंटर से बंद किए जाने के बाद 4 नंबर गेट से इनकी प्रवेश व्यवस्था की गई है। इसको देखते हुए यहां पर जनरल लाकर की व्यवस्था भी की गई है। लेकिन जानकारी में आया है कि इन लॉकरों में श्रद्धालुओं के बैग आदि नहीं रखे जाते हैं। केवल दिखावे के तौर पर लॉकर को यहां पर रखा गया है। वहीं लॉकर में सेवा दे रहे मंदिर कर्मचारी भी लापरवाही करवा कर रोक टोक नहीं कर रहे हैं। ऐसे में बड़े बैग आदि भी मंदिर के अंदर तक जा रहे हैं।
1500 रसीद धारियों का आम श्रद्धालुओं के साथ प्रवेश
कितनी विडंबना की बात है कि जहां 100 रुपए की प्रोटोकॉल टिकट वाले वीआईपी गेट नंबर 5 से प्रवेश कर भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं। वहीं 1500 रुपए की अभिषेक रसीद कटवाने वालों को आम श्रद्धालुओं के साथ 4 नंबर गेट से लाइन में लगकर प्रवेश करना पड़ रहा है। आगामी दिनों में महाशिवरात्रि पर्व के मद्देनजर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी तो उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। ऐसे में आम श्रद्धालुओं के साथ 1500 की अभिषेक रसीद कटवाने वालों को प्रवेश देकर उनके व्यवस्था गत हितों को प्रभावित किया जा रहा है।