खुलासा होने पर जवाब तलब एफआईआर की भी तैयारी
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली एक फर्म ने 3 नाबालिग श्रमिकों को भी नगर निगम की सेवा में चिपका दिया। जब तक ठेका रहा श्रमिक काम करते रहे, ठेका खत्म हुआ तो इन्होंने नगर निगम के खिलाफ ही केस लगा दिया। मामले में पड़ताल शुरू हुई तो खुलासा हुआ कि तीनों जब आउटसोर्स पर काम पर लगे थे तब नाबालिग थे।
इनकी सेवाएं नगर निगम को उपलब्ध कराने वाली फर्म से अब जवाब तलब किया जा रहा है। नगर निगम के पास पर्याप्त साक्ष्य है लिहाजा ठेकेदार फर्म का जवाब आने के बाद उस पर एफआईआर दर्ज कराने की भी तैयारी है।
आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली फर्म राज सिक्योरिटी ने नगर निगम को 16 कर्मचारी ठेके पर उपलब्ध कराए थे। ये सभी कर्मचारी फर्म का ठेका रहने तक नगर निगम में ड्यूटी करते रहे। बाद में सभी कर्मचारी मस्टर के आधार पर लेबर कोर्ट चले गए और वहां से इनके पक्ष में फैसला भी हो गया। कोर्ट ने नगर निगम को इन्हें नौकरी पर रखने के आदेश जारी कर दिए। सभी 13 कर्मचारियों के प्रकरणों की पुस्तिकाएं जब ऑडिट में पहुंची तो वहां प्रत्येक कर्मचारी के दस्तावेज चेक हुए।
इसी जांच में खुलासा हुआ कि जो 13 कर्मचारी नगर निगम में लेबर कोर्ट के जरिए नौकरी पाने का आदेश लेकर आए है, उनमें से 3 अरूण पिता महेंद्र, सूरज पिता जितेंद्र और संतोष पिता राधेश्याम तो नाबालिग है। इस बात की पुष्टी इनके डाक्यूमेंट से की गई।
इस खुलासे के बाद अब राज सिक्योरिटी कंपनी के कर्ता-धर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा रहा है। कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी 16 कर्मचारियों की डिटेल और उनके अप्वाईंटमेंट लेटर मांगे जा रहे है। मामला बाल मजदूरी से जुड़ा है लिहाजा राज सिक्योरिटी कंपनी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाए जाने की तैयारी है।