कर्मचारी 4 दिन के अवकाश पर, वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में एक कर्मचारी के अनुपस्थित रहने पर ऐसा जोरदार हंगामा हुआ की सारी व्यवस्थाएं अव्यवस्थाओं में बदल गई। जूता-चप्पल के लिए श्रद्धालुओं ने जमकर हंगामा मचाया। स्टैंड पर अनुपस्थित कर्मचारी की जगह वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने से ऐसी स्थिति पैदा हुई।
बुधवार सुबह 6 बजे भस्म आरती से लौटे श्रद्धालु 4 नंबर गेट पर स्थित जूता चप्पल स्टैंड पर पहुंचे तो उनको टोकन नंबर के आधार पर जूता चप्पल देने वाला कोई भी कर्मचारी नहीं मिला। लिहाजा बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने हंगामा मचाते हुए जूता-चप्पल स्टैंड में प्रवेश किया और अपने हाथ से जूता-चप्पल ढूंढने का प्रयास किया। लेकिन कई लोगों को जब अपने जूते चप्पल नहीं मिले तो उन्होंने दूसरों के पहन कर रवानगी डाल दी।
ऐसे में जिन श्रद्धालुओं को अपने जूते-चप्पल नहीं मिले उन्होंने जमकर हंगामा मचाते हुए मंदिर प्रशासन पर की व्यवस्था पर सवाल उठा दिये। हालांकि बाद में केसीसी कंपनी के सफाई कर्मी को जूता-चप्पल स्टैंड पर लगाया। लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण कुछ ही देर बाद उसको सफाई सुपरवाइजर ने वापस बुला लिया और उसकी जगह खुद ने व्यवस्था संभालते हुए श्रद्धालुओं को समझाने का प्रयास किया ।
इधर व्यवस्था बन रही, उधर बिगड़ रही
श्री महाकालेश्वर मंदिर में मंदिर प्रशासन द्वारा व्यवस्था सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है और मंदिर हित में अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन मंदिर की स्थापना शाखा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने में लापरवाही बरत रही है। परिणामस्वरूप जूते-चप्पल स्टैंड पर कर्मचारी ना होने के कारण हंगामा रहा हालांकि सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक रमेश वाघमारे नाम नामक मंदिर के कर्मचारी की ड्यूटी है। लेकिन 4 दिन के अवकाश पर होने के कारण इस प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न हुई।
तीन शिफ्ट में तीन कर्मचारी
श्री महाकालेश्वर मंदिर के वीआईपी जूता चप्पल स्टैंड पर 3 शिफ्ट में 3 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। लेकिन एक भी कर्मचारी के अवकाश पर होने के चलते यहां पर स्थापना शाखा द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है और रिलीवर को यहां पर तैनात किया जाता है लेकिन यह पहली बार है कि जब इस प्रकार की अव्यवस्था जूते चप्पल स्टैंड पर हुई है। जानकारी में तो यह भी आया है कि श्रद्धालुओं ने वहां पर उपस्थित दूसरे कर्मचारियों के साथ जमकर गाली-गलौज करते हुए अभद्र भाषा का उपयोग किया