थादला, अग्निपथ। नगर में प्रशासन की नाक के नीचे रसूखदार अतिक्रमणकर्ता शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण कर रहे हैं और प्रशासन देखने की बाद भी अनदेखा कर अतिक्रमणकर्ता को खुली छुट दे रहा है। कई बार प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद भी कार्यवाही नहीं होना और अतिक्रमणकर्ता द्वारा धीरे-धीरे पूरी शासकीय भूमि पर कब्जा कर लेना प्रशासनिक अक्षमताओं या मजबूरियों को प्रदर्षित करता है।
बायपास मार्ग के सर्वे नं. 336 की शासकीय भूमि व नाले पर खुलेआम रसूखदारों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है, किन्तु प्रशासन का कोई अधिकारी कार्यवाही करना उचित नहीं समझ रहा। शिकायतकर्ताओं को प्रशासनिक दांवपेचों में उलझाकर बेरंग लौटा दिया जाता है। प्रशासन स्वयं अतिक्रमणकर्ताओं को शासकीय भूमि पर कब्जे की छूट देता है और जब रसूखदार अतिक्रमणकर्ता शासकीय भूमि पर कब्जा कर निर्माण पूर्ण कर लेता है, तब उसे शासकीय भूमि लीज पर लेने संबधी सलाह दी जाती है, ताकि अवैध कब्जे को वैध घोषित किया जा सके।
जैसा कि नगर परिषद के मामले में प्रशासन ने यह तरीका अपनाया है। बायपास मार्ग पर सर्वे नं. 336 की भूमि पर निजी भूस्वामी द्वारा अपने स्वामित्व की भूमि के साथ ही शासकीय भूमि पर कब्जा कर पास में बह रहे नाले को बंद करने का प्रयास किया जा रहा था, जिसकी शिकायत होने पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी ने निजी भूस्वामी के अवैध निर्माण का बंद करने के आदेश दिये थे। उसके बाद भी निर्माण कार्य बंद नहीं हुआ तथा अतिक्रमणकर्ता को दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु कहा गया था। लेकिन रसूखदार भूस्वामी द्वारा आज तक नहीं कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं और ना ही प्रशासन ने उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही अब तक की है। केवल नोटिस दिये जाने का खेल विगत एक वर्ष से चल रहा है जिसका भूस्वामी पर कोई असर दिखाई नहीं दिया और धीरे-धीरे शासकीय भूमि व नाले पर सीमेन्ट की दीवार बनाकर पूरी भूमि पर कब्जा कर लिया गया है।
प्रशासनिक अक्षमता का इससे बड़ा प्रमाण कहीं नहीं मिलेगा। जहॉ पांच पटवारियों व राजस्व निरीक्षक का दल उस शासकीय भूमि का सीामांकन नहीं कर पाया और गेंद जिला मुख्यालय के पाले में डाल दी गई। एसडीएम अनिल भाना से इस संबध में पूछने पर बताया कि तहसीलदार को कार्यवाही के अधिकार हैं उनको निर्देषित किया गया है। तहसीलदार कार्यवाही करेंगे तथा हमने इस संबध में फाइल कलेक्टर के पास उचित मार्गदर्शन के लिये भेजी है। उक्त भूमि पर कब्जे की काफी शिकायतों के बाद प्रशासन ने अपनी त्रुटि मानते हुए सर्वे नं. 336 के पास बह रहे नाले को रिकार्ड में दुरस्त करने के आदेश दिये। जिसे भूमाफियओं के इशारों पर नाले से रास्ते में परिवर्तित कर दिया गया था उसे पुन: नाला दर्ज करने की कार्यवाही की गई, किन्तु भूमि पर से अतिक्रमण यथावत होकर निर्माण कार्य दु्रतगति से जारी है।
इनका कहना
मै स्वयं पटवारी व राजस्व निरीक्षक के साथ मौके पर जाकर वस्तुस्थिति देखूंगा व तत्काल कब्जा हटाने की कार्यवाही की जावेगी।
– शक्तिसिंह चौहान, तहसीलदार थांदला