4 साल बाद भी नल जल योजना अधूरी, ग्रामीण पानी के लिये परेशान

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थांदला, अग्निपथ। भीषण गर्मी के मौसम में प्रशासन की नल जल योजना शैशव काल में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। केवल कागजों में सिमटी योजना धरातल पर अधुरी पड़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में फलिये और घर-घर तक पानी पहुंचाने की शासन की योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

करोड़ों की लागत और विगत 4 वर्षों से चल रहे कार्य के बाद भी आज तक लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच पाया है। हमारे सवांददाता ने तीन ग्राम पंचायतों में जाकर नल जल योजना की जमीनी सच्चाई जानने की कोशिश की तब चौंकाने वाले मामले सामने आये। योजना की क्रियान्वयन एजेन्सी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार ब्लाक कि 25 ग्राम पंचायतों में करोड़ों की लागत से जल जीवन मिशन योजनान्र्तगत नलजल योजना का कार्य प्रगति पर है। जिसमें से 14 ग्राम पंचातयों में 80 प्रतिशत तथा 14 पंचायतों में 50 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 12 ग्राम पंचायतों में जल प्रदाय प्रारम्भ कर दिया गया है।

जबकि विभाग के कागजी प्रतिवेदन से जमीनी हकीकत बहुत कुछ अलग है। ग्राम पंचायत परवलिया, काकनवानी, सेमलपाडा व जुलवानिया बड़ा में विभाग ने जल प्रदाय प्रारम्भ करने की बात कही है, जिसमें केवल परवलिया में पुरानी नल जल योजना व नई योजना के तहत ग्राम के कुछ हिस्सों में पानी पहुंचना शुरू हुआ था, किन्तु वह भी 10-12 दिनों में एक बार विगत 10 दिनों से नलों में पानी नहीं आ रहा है।

ग्राम के हरीश पंचाल, संतोष प्रजापत, बंशीलाल पाटीदार का कहना है कि गावं में पेयजल की काफी किल्लत है। ग्रामवासी अन्य स्त्रोतों से पेयजल की व्यवस्था कर रहे हैं शासन की घर घर जल योजना दिखावा बनकर रह गई है। पंचायत सचिव संतोष माली ने बताया कि नलकूप का पानी कुवे में सग्रहित कर गांव में सप्लाय किया जा रहा है। पानी की टंकी का कार्य अधुरा होने से विभाग ने हेण्डओवर नहीं की है।

वहीं ग्राम जुलवानिया बड़ा में वर्तमान में पूरी पंचायत पाइन लाइन ही नहीं डल पाई है। पाइन लाइन का कार्य ही 40 प्रतिशत से अधिक नहीं हुआ है। पानी की टंकी बन गई है लेकिन टंकी में पानी चढ़ाने के लिये विद्युत पोल नहीं लग पाये हैं, जबकि विभाग के रिकार्ड अनुसार कार्य 80 प्रतिशत होकर जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। पंचायत सचिव ने नाथुसिंह ने भी स्वीकार किया कि पूरी ग्राम पंचातय पाइन लाइन नहीं डाली गई है तथा अभी काफी कार्य अधुरा है। ऐसी ही स्थिति ग्राम पंचातय सेमलपाड़ा की है जहां वर्ष 2018 से नल जल योजना का कार्य चल रहा है, लेकिन अभी तक कार्य पूर्ण नहीं होकर लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पाया है।

ग्राम पंचायत के सरंपच देवा डामोर ने काफी आक्रोश भरे स्वर में प्रशासन की योजना को ढोंग बताते हुए कहा कि योजना का कार्य कर रही एजेन्सी विगत 4 वर्ष में भी कार्य पूर्ण नहीं कर पाई है तथा मैंने ठेकेदार व विभाग के खिलाफ कलेक्टर को शिकायत भी की थी किन्तु कोई नतीजा नहीं निकला।नलकूप खनन कर पाईपलाईन डालकर छोड़ दिया गया है। पानी की टंकी में पानी मोटर से पानी चढ़ाने के लिये अभी विद्युत कनेक्शन ही नहीं किया गया है। सरंपच ने ठेकेदार पर घटिया सामग्री के उपयोग के भी आरोप लगाये हैं।

कमोबेश ऐसी स्थिति पूरे ब्लाक में निर्मित हो रही है। कही भी योजना का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पाया है जिले के अधिकारी भी योजना की प्रगति देखने के लिये औपचारिक दौरे कर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं तथा कागजी प्रगति को ही आधार बनाकर योजना की सफलता का सेहरा बांध लेते हैं। जबकि हकीकत में ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिये तरस रहे हैं। भीषण गर्मी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के जलस्त्रोत भी जवाब देने लग गये हैं। ऐसे में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी लोगों को पेयजल उपलब्ध नहीं करवा पाना प्रशासनिक लापरवाही और विफलता को प्रदर्शित कर रहा है।

इनका कहना

गर्मी की वजह से जलस्त्रोत सूख गये हैं, इस वजह से जलप्रदाय प्रभावित हुआ है। पंचायतो में शेष कार्य शीघ्र पूर्ण करवाया जा रहा है। -जीएस रावत, एसडीओ पीएचई थांदला

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