प्रदेश में बिजली 1.98% महंगी, घर में 150 यूनिट जलाने पर 22.5 रु. ज्यादा लगेंगे; मीटर किराया खत्म

भोपाल। डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस में महंगाई का झटका झेल रहे एमपी के उपभोक्ताओं को अब महंगी बिजली का करंट लगा है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने कोरोना के चलते लंबित 2020-21 की नई टैरिफ याचिका को मंजूरी दे दी। प्रदेश में बिजली की दरें 1.98 प्रतिशत महंगी कर दी गई हैं। आम घरेलू उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर पड़ेगा। सिर्फ 30 यूनिट तक बिजली खपत पर बढ़ोतरी नहीं की गई है।

नई टैरिफ दरें 26 दिसंबर से लागू होंगी। उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात यह है कि उन्हें मीटर किराया नहीं देना होगा। पहले सिंगल फेस में 10 रुपए, थ्री-फेस में 25 रुपए और 10 किलोवाट से ऊपर भार के उपभोक्ताओं को 125 रुपए महीने मीटर किराया लगता था।

8 पैसे से 15 पैसे प्रति यूनिट मंहगी हुई बिजली
जानकारी के अनुसार बिजली की दरों में बढ़ोतरी का असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ा है। प्रति यूनिट आठ पैसे से 15 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। वहीं, फिक्स चार्ज में भी एक से दो रुपए की बढ़ोतरी की गई है। यदि आप 50 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं, तो पांच रुपए अतिरिक्त देना होगा। इसी तरह 100 यूनिट पर 12 रुपए, 150 यूनिट पर 22.50 रुपए का असर पड़ेगा।

कमलनाथ ने कसा तंज

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का ट्वीट

इनकी दरों को यथावत रखा

  • 100 वाट भार क्षमता वाले कनेक्शनधारी, जो 30 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं।
  • उद्योग, रेलवे, ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन, शादी-विवाह के अस्थाई कनेक्शन
  • उपभोक्ताओं को मीटर का किराया नहीं देना होगा।
  • छूट और प्रोत्साहन भी लागू रहेगी
  • प्रीपेड मीटरिंग, अग्रिम बिल भुगतान, ऑनलाइन भुगतान पर दी जा रही छूट जारी रहेगी।
  • लोड फैक्टर व पावर फैक्टर के लिए दी जा रही छूट जारी रहेगी
  • नए और वर्तमान बड़े औद्योगिक उपभोक्ताओं, केप्टिव पावर प्लांट, ओपन एक्सेस उपभोक्ता और रेलवे को दी जा रही छूट जारी रहेगी।

कृषि उपभोक्ता की बिजली 7 प्रतिशत महंगी
10 एचपी विद्युत भार तक 750 रुपए प्रति एचपी प्रतिवर्ष और इससे अधिक विद्युत भार पर 1500 रुपए प्रति एचपी की दर से बिल देना होगा। पहले किसानों को 10 एचपी तक 700 रुपए प्रति एचपी की दर से भुगतान करना पड़ता था। सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक किसानों की बिजली बिल में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

बिजली कंपनियों ने ये टैरिफ याचिका लगाई थी
बिजली कंपनियों ने 40,016 करोड़ रुपए की जरूरत बताई थी। मौजूदा दर पर बिजली दरों से वसूली पर 2169 रुपए का राजस्व अंतर आ रहा था। इसकी भरपाई के लिए कंपनियों ने दरों में 5.73 प्रतिशत की बढ़ोतरी की याचिका लगाई थी। पर नियामक आयोग ने इसकी तुलना में कुल राजस्व आवश्यकता 37 हजार 673 करोड़ रुपए माना है। इसकी भरपाई के लिए 730 करोड़ रुपए का अंतर आ रहा था, जिसे 1.98 प्रतिशत की बढ़ोतरी से हासिल कर लिया जाएगा।

घरेलू उपभोक्ताओं को अब नहीं देना पड़ेगा मीटर का किराया
10 से 125 रुपए प्रतिमाह तक बचत

घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को अब मीटर का किराया नहीं देना होगा। घरों में सिंगल फेस कनेक्शन में 10 रुपए, थ्री फेस कनेक्शन में 25 रुपए और 10 किलोवाट से ऊपर लोड वाले कनेक्शन में उपभोक्ताओं से 125 रुपए प्रतिमाह मीटर किराया लिया जाता है।

टेंपररी कनेक्शन की अवधि 3 साल
विनियामक आयोग ने उपभोक्ता को स्वयं का मकान बनाने के लिए टेंपररी कनेक्शन दिए जाने की अवधि बढ़ाकर एक साल से तीन साल कर दी है। एडवांस बिल भुगतान त्वरित बिल भुगतान एवं ऑनलाइन पेमेंट करने पर अभी दी जा रही छूट भी आगे जारी रहेगी।

किसानों को राहत… 10 फीसदी तक कम करना होगा बिल का भुगतान
नए टैरिफ में किसानों को 10 फीसदी तक राहत दी गई है। राज्य शासन द्वारा मिलने वाली सब्सिडी के मद्देनजर 10 हॉर्स पावर लोड तक के कृषि उपभोक्ताओं को ₹750 प्रति हार्स पावर प्रति वर्ष तथा 10 हॉर्स पावर से अधिक बिजली के लोड वाले कृषि उपभोक्ताओं को ₹1500 प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष की दर से बिल भुगतान करना होगा।

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