भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 2 बजे मध्य प्रदेश के किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करेंगे। सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में किसानों को राहत राशि वितरित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस मौके पर मध्यप्रदेश के 35 लाख से ज्यादा किसानों को 1600 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। खरीफ फसलों को अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए यह राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इस दौरान किसानों को नए केंद्रीय कृषि कानून के प्रावधानों की जानकारी भी दी जाएगी। जिला स्तर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री मौजूद रहेंगे।
इस दौरान वह कृषि कानूनों को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर एक बार फिर स्थिति साफ कर सकते हैं। किसान सम्मेलन पूरे प्रदेश में आयोजित किए जाएंगे, लेकिन राज्य स्तरीय कार्यक्रम रायसेन में होगा, जिसमें इससे पहले CM शिवराज सिंह चौहान और BJP के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी शामिल होंगे। सीएम शिवराज ने किसानों से पीएम मोदी को सुनने की अपील की है।
खरीफ 2020 में हुए फसलों के नुकसान की 1600 करोड़ रुपए की राहत राशि शुक्रवार को 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में डाली जाएगी। इसका मुख्य कार्यक्रम रायसेन जिले में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहेंगे। बाकी जिलों में भाजपा के नेता व मंत्री मौजूद रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी भी दोपहर दो बजे जिलों में किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे। वे कृषि विधेयक के बारे में किसानों को बताएंगे। जिलों में मंत्री किसानों को राहत राशि का वितरण करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा था- किसानों को गुमराह किया जा रहा है
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने एक संबोधन में कहा था कि किसानों को साजिश के तहत गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने बिना कांग्रेस का नाम लिए कहा कि विपक्ष किसानों के कंधों पर रखकर बंदूक चला रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के आसपास जमा हुए किसानों को साजिश के तहत गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग सत्ता में रहते हुए किसानों का भला नहीं कर पाए वे अब उन्हें गुमराह कर भ्रमित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं दोहराना चाहता हूं कि मेरी सरकार किसानों की सभी आशंकाओं का समाधान करने के लिए 24 घंटे तैयार है।
राज्य स्तरीय इस आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि कार्यक्रम की तैयारी युद्ध स्तर पर करें। सभी किसानों को समय रहते कार्यक्रम की सूचना पहुंचा दी जाए। किसानों के साथ-साथ पशुपालकों को भी लाभ वितरण किया जाए। कृषि, ग्रामीण विकास, राजस्व विभाग मिलकर तैयारियों को अंतिम रूप दें। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन अवश्य हो और सभी किसान मास्क पहनकर ही कार्यक्रमों में हिस्सा लें। प्रदेश की 23 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा।