यूं तो शीतलहर सभी को परेशान करती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें यह सुख पहुंचाएगी। यह वही लोग हैं जिन्होंने लॉकडाउन में भी सुख पाया है। कभी सप्लाई पास, जैकेट जारी कर तो कभी सडक़ पर भूले-भटके, सब्जी-फल बेचने आने वाले, ग्रामीणों का सामान जब्त कर तो कभी सडक़ों पर बिना मॉस्क के आने वाले लोगों की धरपकड़ कर।
शीतलहर में सुख प्राप्त करने वाले इन सज्जनों को अब तक तो आप पहचान ही चुके होंगे। यह लोग नगर निगम के जिम्मेदार कर्मचारी। इनके कांधे पर हर महत्वपूर्ण मौकों में विशेष जिम्मेदारी होती है। इन दिनों शीतलहर बढ़ी तो इन पर खास जिम्मेदारी आ गई शहर में जगह-जगह अलाव जलाने और रैन बसेरों में बिस्तर और गर्म कपड़ों की व्यवस्था करने की।
निगम आयुक्त (संभाग आयुक्त) का इस व्यवस्था को लेकर आदेश के तुरंत बाद निगम के जनसंपर्क विभाग ने शहर में जल रहे अलावों का फोटो दिया था। दूसरे दिन से वह फोटो भी नहीं आया। रैन बसेरों में बिस्तर और ठहरने के इंतजाम कितनी मुस्तैदी से किए गए हैं, यह मौके पर देखा जा सकता है। आज निराश्रित-बेसहारा लोग शीतलहर से त्रस्त हैं, लेकिन तमाम बिल लगाकर निगमकर्मी तो इसका सुख उठायेंगे।