4 घंटे में पुलिस ने तलाशा
उज्जैन, अग्निपथ। मोबाइल में गेम खेलने से मां ने मना किया तो नाबालिग बेटा मंगलवार सुबह स्कूल जाते समय झांसा देकर लापता हो गया। पुलिस ने चार घंटे में उसे तलाश निकाला। छात्र सायकल से इंदौर पहुंच गया था।
चिमनगंज थाने के एसआई करण खोवाल ने बताया कि कैलाश एंपायर में रहने वाली माधुरी पति आदित्य शर्मा ने सुबह 9 बजे थाने पहुंचकर बताया कि उसका बेटा प्रथम उर्फ पोलक (14) कक्षा 8 वीं का छात्र है। सुबह 7.30 बजे वह बेटे को ब्रिज के समीप आरके बंसल स्कूल की बस में बैठाने लिये पहुंची थी। बस आने में देरी थी, बेटा सायकल लेकर आया ब्रिज तक आया था। बस आने से पहले उसने कहा कि मैं 2 मिनिट में आया। उसे लगा कि स्कूल की कोई कॉपी भूल गया होगा। लेकिन बस आने के आधे घंटे बाद तक वह नहीं लौटा।
घर पहुंचकर देखा तो वह नहीं था, वह मोबाइल साथ ले गया है। उसकी तलाश आसपास सब जगह कर ली है। मामला नाबालिग छात्र का होने पर धारा 363 का प्रकरण दर्ज किया गया और सायबर सेल की मदद से मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कराई गई। कैमरों के फुटेज देखे तो 8 बजे के लगभग पांड्याखेड़ी से फ्रीगंज की ओर जाता दिखाई दिया। सायबर ने लोकेशन ट्रेस की तो इंदौर रोड की मिली। टीआई जितेन्द्र भास्कर टीम के साथ छात्र की तलाश में इंदौर के लिये रवाना हो गये। मरीमाता चौराहा पर प्रथम सायकल से जाता दिखाई, उसे रोका और वापस उज्जैन लाकर मां के सुपुर्द किया गया।
छात्र बोला गेम खेलने से रोकती थी मां
टीआई भास्कर ने प्रथम से पहले प्यारभरी बाते की और फिर उससे घर छोडक़र जाने का कारण पूछता तो उसका कहना था कि मां मोबाइल में गेम खेलने से मना करती थी। उसे स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता है। इंदौर में कहां जा रहा था, इस सवाल का जवाब वह नहीं दे पाया। टीआई ने बताया कि छात्र परिवार का एकलौता पुत्र है। पति जबलपुर में प्रायवेट जॉब करते है। प्रथम के नाना-नानी का घर उज्जैन में है। जिसके चलते प्रथम और उसकी मां यहां आ गये थे।