महिंद्रा शोरूम के कैशियर ने किया 49 लाख का गबन

वाहनों की डिलीवरी के समय मिली नकदी बैंक में नहीं जमा की

धार, अग्निपथ। महिंद्रा कंपनी के चार पहिया वाहनों के शोरूम पर पदस्थ कैशियर ने 49 लाख रुपए का गबन किया हैं। मामले का खुलासा कंपनी की इंदौर से आई जांच टीम की ऑडिट में हुआ है। जिसके बाद शोरूम संचालक के जनरल मैनेजर कोतवाली थाने पर पहुंचे और कर्मचारी पर केस दर्ज कराया है। हालांकि आरोपी पुलिस कार्रवाई के पहले ही फरार हो गया है।

आरोपी कैशियर
आरोपी कैशियर

दरअसल महिंद्रा कंपनी के चार पहिया वाहनों को बेचने के लिए सौम्या व्हीकल्स प्रायवेट लिमिटेड धार में अधिकृत हैं। यहां कैशियर का काम देखने वाले आरोपी अश्विन पिता दिनेश गोस्वामी ने गबन किया है। आरोपी शोरूम पर कैशियर के साथ वाहनों को बेचने के लिए एजेंट का काम भी करता था। कैशियर के साथ ही कंपनी के वाहन बेचने पर कमीशन भी आरोपी को मिलता था। शोरूम पर ग्राहक वाहन खरीदी के लिए बड़ी रकम चेक के से देने के अलावा कुछ रकम नगद भी देते थे।

यह राशि प्रतिदिन आरोपी अश्विन के पास ही जमा होती थी। साथ ही शोरूम के वर्कशॉप पर आने वाले ग्राहकों की रकम भी इसी के पास होती थी। इस रकम को ही आरोपी को प्रतिदिन कलेक्शन के बाद कंपनी के अधिकृत दो अलग-अलग खातों में जमा करवाना होता था लेकिन उसने ऐसा न करते हुए करीब 49 लाख रुपये गबन कर लिए।

फर्जी सील का उपयोग

पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने के साथ ही कंपनी की ओर से दिए गए दस्तावेज जब्त किए है। पुलिस को आशंका है कि आरोपी ने बैंक में जमा होने वाली रसीद पर लगने वाली सील को ही फर्जी तरीके से बना लिया। जिसका उपयोग मैनेजर को दिखाई देने वाली जमा रसीद में करने लगा। आरोपी मूलत: बड़वानी जिले का रहने वाला हैं। ऐसे में आरोपी की तलाश में पुलिस टीम जुट गई है। उसकी नियुक्ति दिनांक से 9 जून तक के कैमरों की रिकॉर्डिंग भी पुलिस द्वारा देखी जा रही है। टीआई समीर पाटीदार के अनुसार शोरुम की ओर से आवेदन प्राप्त होने पर पुलिस ने कार्रवाई की हैं, आरोपी कैशियर के साथ एजेंट के रुप में भी काम करता था। इसी दौरान प्रतिदिन के रुपयों का हिसाब उसी के पास होता तथा उसकी ही जवाबदारी थी कि बैंक में रुपए जमा करवाए। किंतु आरोपी ने 49 लाख 9 हजार रुपए का गबन किया हैं, बैंकों से भी मदद की जा रही है। जल्द ही आरोपी पुलिस गिरफ्त में होगा। बताया जा रहा है कि उसने उक्त राशि एक ही बैंक खाते में न डालते हुए अलग-अलग खातों में डाली है। पुलिस परिवार वालों के खातों की भी जानकारी जुटा रही है।

ऐसे लगा पता

मैनेजर दिनेश देहाडराय ने बताया कि आरोपी अश्विन को चार माह पहले 17 मार्च को ही शोरुम पर नौकरी के लिए रखा गया था, बैंक में रुपए जमा करवाने की रसीद आरोपी मैनेजर को दिखाकर अपने पास रख लेता था। इस तरह से करीब 9 जून तक आरोपी ने प्रतिदिन यही किया। इसके बाद 10 जून से बीमारी का बहाना बनाकर आरोपी ने शोरूम पर आना बंद कर दिया। जिसके बाद शोरुम के अन्य कर्मचारी आरोपी के धार की इंद्रा कॉलोनी में स्थित घर पर देखने के लिए पहुंचे तो आरोपी नहीं मिला। ऐसे में मैनेजर ने इस बात की सूचना इंदौर ऑफिस में दी। जहां से एक टीम अकाउंट की जांच के लिए धार आई तो आरोपी द्वारा किए गए गबन की जानकारी सामने आई है।

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